शिवलिंग पर खाली बेलपत्र चढ़ाना अशुभ!
सावन में न करें ऐसी गलती नहीं करें शिवलिंग पर खाली बेलपत्र चढ़ाना अशुभ! यह जानकारी ज्योतिषाचार्य दिनेश प्रेम शर्मा से जाने -
सावन में न करें ऐसी गलती , शिवलिंग पर खाली बेलपत्र चढ़ाना अशुभ!
अक्सर लोग शिवालयों में शिवलिंग पर खाली बेलपत्र चढ़ा देते हैं और मानते हैं कि पूजा हो गई. हालांकि, शिव भक्ति में नीयत और नियम का भेद नहीं होता, लेकिन शास्त्रों में शिव को खाली बेलपत्र अर्पित करना अशुभ माना गया है. बेलपत्र चढ़ाने और उसे तोड़ने के नियम बताए गए हैं.
सावन का महीना शुरू हो गया है. शिवभक्त भगवान शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रहे हैं. सावन का महीना बहुत ही खास माना जाता है. इस वर्ष सावन का महीना 2 माह का है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सावन के माह में भगवान को जलाभिषेक के समय बेलपत्र चढ़ाने का विशेष महत्व है, लेकिन क्या आप जानते हैं बेलपत्र अर्पित करते समय कुछ खास नियमों का पालन करना जरूरी होता है.
ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश प्रेम शर्मा बताते हैं कि भगवान शिव को बेलपत्र बहुत प्रिय है. धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक बेलपत्र चढ़ाने के कई नियम बताए गए हैं. भगवन पर ऐसे ही नहीं बेलपत्र अर्पित कर देना चाहिए. बताया कि यदि नियम से बेलपत्र चढ़ाया जाए तो महादेव अति प्रसन्न होते हैं.
बेलपत्र तोड़ते समय रखें ध्यान
पेड़ से बेलपत्र को तोड़ते समय इस बात का अवश्य ध्यान दें कि कुछ तिथियों पर बेलपत्र तोड़ना वर्जित माना जाता है. चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तथा संक्रांति के समय बेलपत्र तोड़ना वर्जित है. सोमवार को भी बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए. ऐसी स्थिति में आपको 1 दिन पूर्व बेलपत्र को तोड़ कर रख लेना चाहिए. बेलपत्र कभी अशुद्ध नहीं होता है.