विश्व स्तनपान सप्ताह 01 अगस्त से
जिले भर के चिकित्सा संस्थानों में होंगी गतिविधियां
नागौर, 31 जुलाई।
स्वस्थ एवं सुपोषित बच्चे राष्ट्र की रीढ़ होते हैं। समुदाय एवं पूरे राष्ट्र के स्वास्थ्य और कल्याण में स्तनपान की महत्वपूर्ण भूमिका है। विश्व स्तनपान सप्ताह स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए सक्षम वातावरण को बढ़ावा देने और बाल मृत्युदर का कम करने पोषण में सुधार व शिशु के विकास को बढ़ाने में स्तनपान की भूमिका पर जोर देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण मंच है।
विश्व स्तनपान सप्ताह का आगाज एक अगस्त, मंगलवार से किया जाएगा। इसे लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इसी कार्ययोजना के मुताबिक राजकीय चिकित्सा संस्थानों में विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। विश्व स्तनपान सप्ताह को लेकर विभाग के विशिष्ट शासन सचिव एवं मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
नागौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश वर्मा ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह की गतिविधियों के सफलतापूर्वक आयोजन की जिला स्तरीय मॉनिटरिंग जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुश्ताक अहमद करेंगे। बच्चों को छह माह तक केवल स्तनपान तथा कम से कम दो वर्ष तक स्तनपान करवाए जाने को बढ़ावा देने के लिए विष्व स्तनपान सप्ताह 01 से लेकर 07 अगस्त तक जिला अस्तपाल, उप जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, और उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक आयोजित किया जाना है। इसके साथ-साथ ग्राम स्तर पर संगोष्ठियां भी आयोजित की जानी है, जिनमें मां के दूध की उपयोगिता के बारे में बताया जाएगा।
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुश्ताक अहमद ने बताया कि इस साल 2023 के विष्व स्तनपान सप्ताह की थीम स्तनपान को सक्षम बनाना, कामकाजी माता-पिता के लिए बदलाव लाना है। इस साल विश्व स्तनपान सप्ताह के लक्ष्य स्वास्थ्य सुविधाओं और कार्यस्थलों में महिलाओं के लिए समर्थन उत्पन्न करने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान शुरू करना हे। मातृत्व अधिकारों और अन्य सहायता उपायों पर जानकारी साझा करना है। कामकाजी माताओं को सक्षम बनाने वाले मौजूदों कार्यक्रमों को मजबूत करने की वकालत करना है।