सात पर्यावरण जनचेतना यात्रा
जोधपुर प्रांत के 7 विभागों के 21 जिलों में 13 अगस्त से प्रारंभ होने वाली सात पर्यावरण जनचेतना यात्रा के निमित्त नागौर विभाग में खंड अनुसार कार्य योजना निर्माण के पश्चात उपखंडशः बैठक में कार्य योजना निर्माण जारी है। यह यात्रा अमृता देवी पर्यावरण नागरिक (अपना) संस्थान के मार्गदर्शन में होगी जिसका समापन 27 अगस्त को जोधपुर स्थित खेजड़ली गांव में होगा । इसी संदर्भ में सरकारी दृष्टि से नागौर जिले को संगठन की योजना के अनुसार डीडवाना, मेड़ता व नागौर जिले में सुविधा की दृष्टि से विभक्त किया गया है । इस दृष्टि से नागौर जिले में खंडशः बैठक संपन्न होने के पश्चात उपखंडशः बैठकों में कार्य योजना निर्माण व दायित्व निर्धारण जारी है । इसमें खींवसर, पांचौड़ी, भाकरोद, गोगेलाव, अलाय, रोल, खिंयाला, डेह, जाखेड़ा, खूड़ी,सांजू, खजवाना में बैठक संपन्न हो चुकी है। सोमवार 24 जुलाई को पांचला, जायल की उपखंडशः बैठक आयोजित होगी।
सांगठनिक नागौर जिले के सभी 6 खंड नागौर ग्रामीण, सांजू, डेगाना, खींवसर, मूंडवा व जायल तथा नागौर नगर में बैठकें इस दृष्टि से संपन्न हो चुकी है । अब 24 जुलाई तक उपखंडशः बैैठकें संपन्न होगी जिसमें 4 अगस्त तक होने वाले पौधरोपण पखवाड़े के तहत प्रत्येक ग्राम में न्यूनतम 150 की संख्या में पौधरोपण के लक्ष्य को पूर्ण करने के निमित्त विभिन्न कार्य योजना का निर्माण किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक ग्राम में पर्यावरण गोष्ठी, इको ब्रिक्स की जानकारी तथा पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करने वाले पर्यावरण प्रेमियों के सम्मान से संबंधित कार्य योजना पर विचार करके उसे क्रियान्वित किया जाएगा। साथ ही बड़े मंडल स्तर पर सघन वन के स्थापना के लक्ष्य को पूर्ण करने के निमित्त कार्यकर्ताओं को दायित्व सौंपे जाएंगे जिसमें एक ही स्थान पर न्यूनतम 300 पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है।
पर्यावरण जन चेतना यात्रा को लेकर बैठक, किया पौधरोपण।
*बालाजी धाम डेह में किया पौधारोपण*
डेह तहसील के बालाजी धाम मंदिर में पौधारोपण किया गया।
पर्यावरण खंड संयोजक गोपाल छाबा ने बताया कि अगस्त माह में पर्यावरण जन चेतना यात्रा को लेकर जन मानस में पर्यावरण संरक्षण के भाव भरने के लिए डेह उपखंड पर बैठक संपन्न हुई और संत लालदासजी महाराज की तपोभूमि पर पौधरोपण किया जिसमें अमरूद, आम, आंवला, मीठा नीम, जामुन,रुद्राक्ष, बरगद, शहतूत, विलपत्र, आवला, गुंदा, टाली, नीम, सहजन,मोगरा आदि प्रजाति के पौधे लगाए।
सुरेंद्र सिंह फौजी ने बताया पर्यावरण पेड़ धरती का श्रृंगार है। वर्तमान में संसार तेज गति से प्रदूषित होता जा रहा है। पौधों से हमें ऑक्सीजन मिलती है और छाया व फल मिलते हैं। पेड़ पर्यावरण को स्वच्छ रखते है, इसलिए हमें पौधे लगाकर प्रकृति और पर्यावरण को शुद्ध बनाना है। बाबूलाल बिश्नोई को संयोजक, संपत बेनीवाल को सघन वन प्रमुख, धनाराम छाबा व मुकेश खोजा को इको ब्रिक्स प्रभारी, अशोक ओझा को संत संपर्क व कैलाश गौतम को टोली में लिया।
इस अवसर पर रमेश ओझा, रामस्वरूप सारस्वत, भरत, अनिल, अशोक, जितेंद्र, निरंजन, बलवीर, सत्यनारायण, दक्ष, धवल, दर्शन, मनोज, कौशल, बंसीदास पुजारी उपस्थित रहे। अनिल ओझा ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।
*प्रहलाद भाटी नागौर नगर यात्रा संयोजक*
यात्रा के नागौर नगर सहसंयोजक धर्मेंद्र ने बताया कि इस जन चेतना यात्रा के नागौर नगर संयोजक के नाते प्रह्लाद भाटी को संयोजक व विनेश शर्मा को सहसंयोजक का दायित्व सौंपा गया है।
नागौर नगर में अमर सिंह कॉलोनी स्थित शिव मंदिर वाटिका में नागौर नगर की योजना के अनुसार बस्ती अनुसार पौधरोपण के लक्ष्य के तहत पौधरोपण किया गया। इसी प्रकार नायक बस्ती स्थित श्मशान तथा विनायक नगर के विनायक नगर पार्क में भी पौधरोपण किया गया। इसमें पीपल सहजन, चीकू, अंजीर, आम, निंबू, शहतूत, आंवला, मीठा नीम, जामुन, गिलोय, पीपल व चंपा जैसे दीर्घायु, छायादार व फलदार पौधे लगाए गए। इस अवसर पर नागरचन्द भार्गव, गंंगाधर सोनी, मनोहर सोनी, जयप्रकाश टाक, बनवारीलाल प्रजापत व यात्रा के नगर संयोजक प्रह्लाद भाटी सहित अनेक नागरिक व कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।
पर्यावरण जन चेतना यात्रा के स्वागत में पौधरोपण
निकटवर्ती ग्राम सींगड़ में पर्यावरण जन चेतना कार्यकम रखा गया जिसमें सघन पौधरोपण किया।
मोहित बागड़िया ने बताया कि एक पेड़ देश के नाम अभियान में विभिन्न प्रजाति के 200 दीर्घ आयु बरगद, पीपल, जाल, नीम, गुलर, बादाम, जामुन, पिलखंड, गुलमोहर आंवला जैसे पौधे लगाएं। नागौर विधायक मोहनराम चौधरी ने पंचवटी पूजन कर लोगों को अधिकाधिक पौधरोपण करने का संदेश दिया। चौधरी ने बताया कि हमारी सनातन संस्कृति प्रकृति पूजक रही है लेकिन विगत कुछ वर्षों में हमने यह रास्ता छोड़ दिया।
विभाग प्रचारक गिरधारी लाल ने पर्यावरण संरक्षण में तीनों घटक पेड़, पानी और प्लास्टिक पर रोक का जनजागृति अभियान चलाने का संदेश दिया। उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति में पीपल, जाल, बरगद जैसे पेड़ अति महत्व रखते है।
पीपल में त्रिदेव का वाश माना जाता है, जसनाथजी महाराज ने अपने हाथों से जाल लगाया ताकि वन्य जीवों व पक्षियों को छाया के साथ पीलू जैसे फल मिलते रहे।
गिरधारीलाल ने जल संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि पहले हम मिलकर एकादशी, अमावस्या पर तालाब खोदते थे, अंगोर की सफाई करते थे, आजकल भुला दिया है।
हमारे पूर्वज तालाबों का संरक्षण कर आत्मनिर्भर थे। आजकल हम नहरी पानी पर निर्भर है जो शरीर में आवश्यक सभी मिनरल की पूर्ति नहीं कर रहा है जिसके कारण पेट संबंधी बीमारियां घर कर गई है।
उन्होंने पेड़, पानी के संरक्षण साथ साथ प्लास्टिक दुष्परिणाम सबका ध्यान खींचते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक काम नहीं लेने को कहा। फिर भी अगर प्लास्टिक किसी रास्ते घर आ जाए तो इको ब्रिक्स बनाकर भूमि को बंजर होने से बचाना है। रसोई में जैसे ही पॉलिथीन आए उसे बोतल में ठूंस ठूंस कर भरना है ताकि गौमाता ना खाए।
नागौर जिले में पर्यावरण गतिविधि के जिला संयोजक व जन चेतना यात्रा के सह संयोजक शिवनाथ सिद्ध ने बताया कि 13 अगस्त से यह यात्रा पांचलासिद्धा जसनाथ आश्रम से रवाना होगी जो नागौर जिले के विभिन्न गांवों से होती हुई 27अगस्त को खेजड़ली में यात्रा समापन के रूप में होगी। हर गांव में 150 पौधे लगाकर पेड़ बनाने का लक्ष्य है और पेड़, पानी व प्लास्टिक पर जन जागृति अभियान चलाया जाएगा ताकि दूषित होते पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके।
भवानी सिंह सिंगड़ ने बताया कि ग्रामवासियों ने मिलकर हरित पट्टिका का निर्माण किया है।
इस अवसर पर यात्रा के विभाग संयोजक मोहनराम सुथार, विभाग सह संयोजक गेनाराम गुरु, जिला संयोजक सुखाराम चौधरी, पूर्व प्रधान अखाराम बागड़िया , सरपंच बंटी बन्ना, डॉ. हापुराम चौधरी, मनोहर सिंह, महिला मोर्चा महामंत्री पुष्पा बागड़िया, बलदेव बागडिया, मुलाराम जोशी, पुरखाराम सेठ, ओंकारसिंह शिम्भूपुरा, एलडीसी नवलाराम, सुगनाराम, रामेश्वरलाल प्रजापत, चतराराम भांभू, मनोहर दास, रमेश सियाग, छोटूदास, कालूराम मेघवाल, राजूराम प्रजापत मेघाराम जांगू, मोतीराम प्रजापत, मोहनराम नायक,अनेक मातृशक्ति व मनरेगा श्रमिकों ने चेतना कार्यक्रम व पौधरोपण में भाग लिया।