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*🌞*श्री गणेशाय नमः*🌞*
*🌞*श्री मोर मुकुट बंशीवाले नगर सेठ की जय हो, नागौर*🌞*
🌞 ~ *आज का पंचांग* ~ 🌞
🌤️ *दिनांक - 29 जुलाई 2023*
🌤️ *दिन - शनिवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2080 (गुजरात - 2079)*
🌤️ *शक संवत - 1945*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - वर्षा ॠतु*
🌤️ *मास - अधिक श्रावण*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - एकादशी दोपहर 13:04:44 तक तत्पश्चात द्वादशी*
🌤️ *नक्षत्र - जेष्ठा रात्रि 23:33:33 तक तत्पश्चात मूल*
🌤️ *योग - ब्रह्म सुबह 09:32:29 तक तत्पश्चात इन्द्र*
🌤️करण विष्टि भद्र 13:04:44*
🌤️करण बव 23:54:24*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 09:20 से सुबह 10:34 तक*
🌞 *सूर्योदय- 05:58:25*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:24:24*
🌤️ * संवत्सर........ श्री पिंगल
🌤️ *अयन............दक्षिणायण
🌤️ *गोल............... उत्तर
🚩 _*स्थानीय समयानुसार अभिजीत मुहूर्त, राहुकाल सूर्यास्त सूर्योदय चंद्रोदय, चंद्रास्त समय में अंतर सम्भव है.....*_ 🚩
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*विभिन्न नगरों के सूर्योदय में समयांतर मिनट*
*दिल्ली -10 मिनट---------जोधपुर +6 मिनट
जयपुर -5 मिनट------अहमदाबाद +8 मिनट
कोटा - 5 मिनट-------------मुंबई +7 मिनट
लखनऊ - 25 मिनट------बीकानेर +5 मिनट
कोलकाता -54 मिनट--जैसलमेर +15 मिनट
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👉 *दिशाशूल- पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - पद्मिनी (कमला) एकादशी*
आज पंचक............... .नहीं है
शुभ हवन मुहूर्त(अग्निवास)..... आज है
दिशाशूल........ .पूर्व दिशा
दोष परिहार...... उड़द का सेवन कर यात्रा करें
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🌄विशिष्ट काल-मुहूर्त-वेला परिचय🌄
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अभिजित् मुहुर्त - दिनार्द्ध से एक घटी पहले और एक घटी बाद का समय अभिजित मुहूर्त कहलाता है,पर बुधवार को यह शुभ नहीं होता.
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ब्रह्म मुहूर्त - सूर्योदय से पहले का 1.30 घंटे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है..
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प्रदोष काल - सूर्यास्त के पहले 45 मिनट और
बाद का 45 मिनट प्रदोष माना जाता ता है...
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गौधूलक काल-सूर्यास्त से 12 मिनट पहले और 12 मिनट बाद का समय गौधूलिक कहलाता है
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🌄✴️भद्रा वास शुभाशुभ विचार✴️🌄
भद्रा मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक के चंद्रमा में स्वर्ग में व कन्या, तुला, धनु, मकर के चंद्रमा में पाताल लोक में और कुंभ, मीन, कर्क, सिंह के चंद्रमा में मृत्युलोक में मानी जाती है यहां स्वर्ग और पाताल लोक की भद्रा शुभ मानी जाती हैं और मृत्युलोक की भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं इसी तरह भद्रा फल विचार करें..
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✴️सूर्योदय कालीन ग्रह एवं लग्न स्पष्ट✴️
_ग्रह.......राशि--अंश--कला--नक्षत्र चरणाक्षर_
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लग्न ...................... कर्क 11°4' पुष्य 3 हो
सूर्य....................कर्क 11°30' पुष्य 3 हो
चन्द्र ............... वृश्चिक 19°36' ज्येष्ठा 1 नो
बुध...................... सिंह 5°59' मघा 2 मी
शुक्र *..................... सिंह 3°43' मघा 2 मी
मंगल ........ सिंह 17°13' पूर्व फाल्गुनी 2 टा
बृहस्पति ................ मेष 19°7' भरणी 2 लू
शनि *........... कुम्भ 11°48' शतभिषा 2 सा
राहू *...................... मेष 5°2' अश्विनी 2 चे
केतु *........................ तुला 5°2' चित्रा 4 री
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चौघड़िया (दिन-रात)**केवल शुभ कारक
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✴️🌄दिन का चौघड़िया🌄✴️
*काल 05:58 - 07:39 अशुभ*
*शुभ 07:39 - 09:20 शुभ*
*रोग 09:20 - 11:01 अशुभ*
*उद्वेग 11:01 - 12:41 अशुभ*
*चर 12:41 - 14:22 शुभ*
*लाभ 14:22 - 16:03 शुभ*
*अमृत 16:03 - 17:44 शुभ*
*काल 17:44 - 19:24 अशुभ*
✴️🌄रात्रि का चौघड़िया🌄✴️
*लाभ 19:24 - 20:44 शुभ*
*उद्वेग 20:44 - 22:03 अशुभ*
*शुभ 22:03 - 23:22 शुभ*
*अमृत 23:22 - 24:42* शुभ*
*चर 24:42* - 26:01* शुभ*
*रोग 26:01* - 27:20* अशुभ*
*काल 27:20* - 28:40* अशुभ*
*लाभ 28:40* - 29:59* शुभ*
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(विशेष - ज्योतिष शास्त्र में एक शुभ योग और एक अशुभ योग जब भी साथ साथ आते हैं तो शुभ योग की स्वीकार्यता मानी गई है )
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🌞🕉️शुभ शिववास की तिथियां🕉️🌞
शुक्ल पक्ष-2-----5-----6---- 9-------12----13.
कृष्ण पक्ष-1---4----5----8---11----12----30.
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दिन नक्षत्र एवं चरणाक्षर संबंधी संपूर्ण विवरण
जानकारी विशेष -यदि किसी बालक का जन्म गंड मूल(रेवती, अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और मूल) नक्षत्रों में होता है तो नक्षत्र शांति की आवश्यकता मानी गयी है,करवाना चाहिये..
आज जन्मे बालकों का नक्षत्र के चरण अनुसार राशिगत् नामाक्षर.
06.38 AM तक----ज्येष्ठा----1------नो
12.20 PM तक----ज्येष्ठा----2------या 05.58 PM तक----ज्येष्ठा----3------यी
11.35 AM तक----ज्येष्ठा----4-------यु
___राशि वृश्चिक - पाया ताम्र____
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05.06 AM तक------मूल----1-------ये
उपरांत रात्रि तक------मूल----2-------यो
___राशि धनु - पाया ताम्र_ ________
__आज का दिन__
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व्रत विशेष..... पुरुषोत्तमा एकादशी (सर्वेषाम्) अन्य व्रत.....................................नहीं है
दिन विशेष............ विश्व बाघ संरक्षण दिवस
दिन विशेष....... श्रावण रुद्राभिषेक कर्म जारी
दिन विशेष.......श्री पुरुषोत्तम अधिमास जारी
पंचक....................................... नहीं है विष्टि(भद्रा)...................... अपरा. 1.06 तक
खगोलीय.................................... नहीं है
सर्वा.सि.योग............................... नहीं है
अमृत.सि.योग............................. नहीं है
सिद्ध रवियोग............................... नहीं है _______
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_अगले दिन की प्रतीकात्मक जानकारी__
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दिनांक.............30.07.2023
तिथि................ .श्रावण शुक्ला 12 रविवार
व्रत विशेष............ रवि प्रदोष अन्य व्रत......................नहीं है
दिन विशेष................... नहीं है
पंचक........................ नहीं है विष्टि(भद्रा)..................... नहीं है
खगोलीय................... ..नहीं है
सर्वा.सि.योग........ उदयात् रात्रि. 9.33 तक
अमृत.सि.योग............... नहीं है
सिद्ध रवियोग........ रात्रि 9.33 से रात्रि पर्यंत
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___आज विशेष __
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शिवजी को क्यों चढ़ाया जाता है धतूरा, सावन में धतूरे के इन 5 उपायों को करने से प्राप्त होगी महादेव की कृपा
धतूरा भगवान शिव को प्रिय सर्वाधिक प्रिय वस्तुओं में से एक है और सावन का महीना शिवजी को प्रसन्न करने के लिए और शिव कृपा का लाभ पाने के लिए सबसे उपयोगी। यानी कि सावन के महीने में धतूरे के कुछ उपाय करके आप शिवजी को प्रसन्न कर सकते हैं और उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिवपुराण में धतूरे के कुछ आसान से उपायों के बारे में बताया गया है। आइए आपको बताते हैं कौन से हैं ये उपाय।
शिवजी की प्रिय चीजों में से एक है धतूरा। भगवान शिव की पूजा में इसका प्रयोग सदैव किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को अपने कंठ में धारण किया था तो उनका कंठ नीला होने लगा और वे बेहोश हो गए थे। तब उनके उपचार के लिए आदिशक्ति मां जगदंबा ने देवताओं को धतूरे और भांग से उनका उपचार करने को कहा। देवताओं ने जब शिवजी के मस्तक पर भांग और धतूरा चढ़ाकर उनका जलाभिषेक किया तो उन्हें होश। यही वजह है कि भगवान शिव को धतूरा सबसे प्रिय है और उनकी पूजा में इसका प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं धतूरे के खास उपाय।
धन लाभ के लिए धतूरे का उपाय
सावन के सोमवार को धन लाभ के लिए धतूरे का यह उपाय करना चाहिए। सोमवार के दिन धतूरे की जड़ को घर में लाकर उसे ऐसे स्थान पर रख दें जहां पर रखने से आपको हर वक्त उसके दर्शन होते रहें। ध्यान रखें इसे पूर्व दिशा में ही रखना चाहिए। उसके बाद मां काली के बीज मंत्र का 108 बार जप करें। ऐसा करने से आपके घर से रुपये-पैसों की समस्या दूर हो जाएगी।
संतान प्राप्ति के लिए धतूरे का उपाय
सावन के महीने में रोजाना एक धतूरा शिवलिंग पर चढ़ाएं और इसका डंठल शिवलिंग की जलाधारी की तरफ होना चाहिए। धतूरा चढ़ाते वक्त ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करते रहें। शिव कृपा से संतान प्राप्ति के मार्ग में आ रही बाधाएं दूर होंगी और जल्द ही आपको सुख की प्राप्ति होगी।
रोग से मुक्ति के लिए धतूरे का उपाय
यदि आपके परिवार का कोई सदस्य बार-बार बीमार पड़ता है तो सावन के प्रत्येक सोमवार को उसके हाथ से हल्दी लगा हुआ धतूरा शिवलिंग पर चढ़वाएं। सुबह के वक्त धतूरा चढ़ाएं और शाम को इस धतूरे को घर पर लगाकर रोगी के तकिए के नीचे रख दें। ऐसा करने से रोगी की अवस्था में सुधार होगा और आपके घर में खुशहाली रहेगी।
नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए धतूरे का उपाय
घर से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए भी धतूरा बहुत उपयोगी माना जाता है। घर में मुख्य द्वार पर धतूरा काले धागे में बांधकर लटका दें। ऐसा करने से कोई भी नकारात्मक शक्ति आपके घर में प्रवेश नहीं कर पाएगी और आपके घर की हर प्रकार के संकट और बुरी नजर से रक्षा होगी। इसे बीच-बीच में बदलते रहना जरूरी है।
करियर में सफलता प्राप्ति के लिए धतूरे का उपाय
करियर में काफी समय से मनचाही सफलता पाने को आप तरह गए हैं और धन प्राप्ति के मार्ग में लगातार बाधाएं आ रही हैं तो सावन में धतूरे के फूल को रोजाना शिवलिंग पर अर्पित करें। इस फूल को चढ़ाते वक्त मन ही मन अपनी मनोकामना पढ़ें और शिवजी का ध्यान करें। ऐसा करने से भोलेबाबा तक आपकी बात जल्द पहुंचेगी और आपकी इच्छा पूर्ण होगी।
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💥 *विशेष- *हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है। राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।*
💥 *आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है।*
💥 *एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।*
💥 *एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है। एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।*
💥 *जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।*
💥 *ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')*
*💥 __आज विशेष___💥*
*भगवान् शिव को धतूरा प्रिय होने का कारण*
*और इससे करने योग्य कुछ सरल/सहज उपाय*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
🌷 *पद्मिनी (कमला) एकादशी* 🌷
➡️ *28 जुलाई 2023 शुक्रवार को दोपहर 14:50:57 से 29 जुलाई, शनिवार को दोपहर 13:04:44 तक एकादशी है।*
💥 *विशेष - 29 जुलाई, शनिवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें।*
🙏🏻 *पद्मिनी (कमला) एकादशी ( पापनाशक तथा भक्ति, युक्ति व समस्त तीर्थों म यज्ञों का फलप्रदायक व्रत)*
🌷 *आर्थिक फायदा और कर्जा मुक्ति* 🌷
💰 *आर्थिक फायदा नहीं होता है तो दुकान पे जाने से पहले झंडु (गेंदे के फूल/मेरी गोल्ड) के फूल की कुछ पंखुड़ियाँ, हल्दी और चंदन में घिस कर तिलक करें गुरुमंत्र का जप करें फिर दुकान पे जायें तो कोई ग्राहक खाली हाथ नहीं जायेगा, आर्थिक लाभ बढ़ेगा*
🖌 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_*
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष,राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*
*संपर्क सूत्र:- *मोबाइल. 8387869068*