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*🌞*श्री गणेशाय नमः*🌞*
*🌞*श्री मोर मुकुट बंशीवाले नगर सेठ की जय हो, नागौर*🌞*
*🌞~28 जुलाई का पंचांग ~🌞*
*⛅दशमी, शुक्ल पक्ष,*
*(अधिक श्रावण)*
*⛅तिथि दशमी 14:50:56*
*⛅पक्ष शुक्ल*
*⛅नक्षत्र अनुराधा 24:54:16*
*⛅योग शुक्ल 11:55:04*
*⛅करण गर 14:50:56*
*⛅ करण वणिज 26:03:50*
*⛅ वार "शुक्रवार"*
*⛅माह (अमावस्यांत) (अधिक श्रावण)*
*⛅माह (पूर्णिमांत) अधिक श्रावण*
*⛅चन्द्र राशि 'वृश्चिक"*
*⛅सूर्य राशि 'कर्क"*
*⛅रितु वर्षा*
*⛅आयन दक्षिणायण*
*⛅संवत्सर 'शोभकृत"*
*⛅संवत्सर (उत्तर) पिंगल*
*⛅विक्रम संवत "2080"*
*⛅शक संवत 1945 शक संवत*
*⛅सौर प्रविष्टे 12, श्रावण*
*⛅नागौर(राजस्थान)*
*⛅सूर्योदय 05:57:54*
*⛅सूर्यास्त 19:24:59*
*⛅दिन काल 13:27:05*
*⛅रात्री काल 10:33:25*
*⛅ चंद्रोदय 15:16:17*
*⛅ चंद्रास्त 25:50:39*
*⛅ सूर्योदय*⛅*
*⛅लग्न कर्क 10°32' , 100°32'*
*⛅सूर्य नक्षत्र "पुष्य "*
*⛅चन्द्र नक्षत्र 'अनुराधा"*
*⛅ पद, चरण*
*⛅1 ना अनुराधा 07:23:36*
*⛅2 नी अनुराधा 13:16:56*
*⛅3 नू अनुराधा 19:07:09*
*⛅4 ने अनुराधा 24:54:16*
*⛅नागौर (राजस्थान,भारत)*
*⛅सूर्योदय 05:57:54*
*⛅सूर्यास्त 19:24:59*
*⛅दिन काल 13:27:05*
*⛅रात्री काल 10:33:25*
*⛅लग्न सूर्योदय*
*⛅कर्क 10°32' , 100°32'*
*⛅मुहूर्त *⛅*
*⛅राहू काल 11:01 - 12:41 अशुभ*
*⛅यम घंटा 16:03 - 17:44 अशुभ*
*⛅गुली काल 07:39 - 09:20*
*⛅अभिजित 12:15 - 13:08 शुभ*
*⛅दूर मुहूर्त 08:39 - 09:33 अशुभ*
*⛅दूर मुहूर्त 13:08 - 14:02 अशुभ*
*⛅वर्ज्यम 30:16* - *31:47 अशुभ*
*⛅गंड मूल 24:54* - *अहोरात्र अशुभ*
*⛅दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:43 से 05:26 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक*
*⚛️ चोघडिया, दिन⚛️*
*चर 05:58 - 07:39 शुभ*
*लाभ 07:39 - 09:20 शुभ*
*अमृत 09:20 - 11:01 शुभ*
*काल 11:01 - 12:41 अशुभ*
*शुभ 12:41 - 14:22 शुभ*
*रोग 14:22 - 16:03 अशुभ*
*उद्वेग 16:03 - 17:44 अशुभ*
*चर 17:44 - 19:25 शुभ*
*⚛️ चोघडिया, रात ⚛️*
*रोग 19:25 - 20:44 अशुभ*
*काल 20:44 - 22:03 अशुभ*
*लाभ 22:03 - 23:23 शुभ*
*उद्वेग 23:23 - 24:42 अशुभ*
*शुभ 24:42* - *26:01 शुभ*
*अमृत 26:01* - *27:20 शुभ*
*चर 27:20* - *28:39 शुभ*
*रोग 28:39* - 29:58 अशुभ*
*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - दशमी को कलम्बी शाक खाना त्याज्य है । एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*🌹पद्मिनी (कमला) एकादशी - 29 जुलाई 2023🌹*
*व्रत उपवास 29 जुलाई शनिवार को रखा जायेगा ।*
🛕 *_29 जुलाई 2023: आने वाली है अधिकमास की पद्मिनी एकादशी, कई गुना पुण्य देता है यह व्रत, नोट करें डेट और शुभ मुहूर्त_*
*निर्णय सागर पंचांग के अनुसार 18 जुलाई 2023 से अधिकमास शुरू हो चुका है। हिंदू धर्म में इसे पुण्यदायक मास माना गया है। अधिक मास यानि पुरुषोत्तम मास के दौरान पड़ने वाली एकादशी को पुरुषोत्तमी एकादशी और सुमद्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। अधिक मास हर 3 साल में एक बार आता है। इसके अनुसार अधिक मास में सावन मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को पद्मिनी एकादशी कहा जाता है। अधिकमास और एकादशी दोनों ही भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय होता है। मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी को करने से सालभर की एकादशियों का पुण्य मिल जाता है। आइए जानते हैं। ज्योतिष आचार्य श्री दिनेश प्रेम शर्मा रमल ज्योतिषी से कि अधिकमास की पद्मिनी एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।_*
🚩 *_पद्मिनी एकादशी व्रत 2023 शुभ मुहूर्त_*
*_पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 28 जुलाई दोपहर 02:52 बजे से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 29 जुलाई को दोपहर 01:04.44 बजे तक होगा। बता दें कि श्रावण अधिक मास पद्मिनी एकादशी व्रत 29 जुलाई 2023, शनिवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर दो अत्यंत शुभ@ संयोग के निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा पाठ का विशेष महत्व है।_*
✡️ *_पद्मिनी एकादशी व्रत 2023 शुभ योग_*
*_पंचांग के अनुसार, पद्मिनी एकादशी व्रत के दिन दो अत्यंत शुभ योग के निर्माण हो रहा है। इस विशेष दिन पर ब्रह्म योग और इंद्र योग बन रहे हैं। बता दें कि सुबह 09:34 बजे तक ब्रह्म योग रहेगा और इसके बाद इंद्र योग शुरू हो जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन दोनों शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ एवं स्नान-दान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।_*
*🔸एकादशी व्रत के लाभ🔸*
*👉 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
*👉 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
*👉 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*👉 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
*👉 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
⚛️ *_एकादशी पूजा विधि_*
🔹 *_पद्मिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर सूर्यदेव को अर्घ्य दें._*
🔹 *_इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर भगवान विष्णु की पूजा-आराधना करें._*
🔹 *_भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें._*
🔹 *_भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें._*
🔹 *_अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें._*
🔹 *_भगवान की आरती करें._*
🔹 *_भगवान के भजन या मंत्रों का पाठ करें._*
🔹 *_इस दिन एकादशी व्रत कथा सुनें._*
🔹 *_भगवान को भोग लगाएं._*
🔹 *_इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें._*
🔹 *_ब्राह्मण को फलाहार का भोजन करवायें और उन्हें दक्षिणा दें._*
🔹 *_एकादशी व्रत द्वादशी के दिन पारण मुहूर्त में खोलें._*
🗣️ *_एकादशी व्रत का नियम क्या है?_*
*_एकादशी व्रत करने वाले लोगों को दशमी यानी एकादशी से एक दिन पहले के दिन से कुछ जरूरी नियमों को मानना पड़ता है. दशमी के दिन से ही श्रद्धालुओं को मांस-मछली, प्याज, मसूर की दाल और शहद जैसे खाद्य-पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए. दशमी और एकादशी दोनों दिन लोगों को भोग-विलास से दूर पूर्ण रूप से ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए._*
🍱 *_पूजन सामग्री_*
*_पूजा की सामग्री में पान, लौंग, सुपारी, कपूर, पीला चंदन, अक्षत, पानी से भरा नारियल, पंचमेवा, कुमकुम, हल्दी, धूप, दीप, तिल, मिष्ठान, अनार, फूल, घी, पंचामृत बनाने के लिए कच्चा दूध, शहद और शक्कर, चावल, तुलसी, गोबर, केले का पेड़, मिठाई, मौली इत्यादि अवश्य रखें. इन चीजों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है._*
💁🏻♀️ *_पद्मिनी एकादशी व्रत का महत्व_*
*_अधिकमास की एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. पद्मिनी एकादशी जगत के पालनहार भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है. शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति पद्मिनी एकादशी व्रत का पालन सच्चे मन से करता है, उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से व्यक्ति हर प्रकार की तप-तपस्या, यज्ञ और व्रत आदि से मिलने वाले फल के समान फल प्राप्त करता है. मान्यता यह भी है कि अधिक मास एकादशी व्रत रखने से साधकों को श्री हरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है और जीवन में विशेष लाभ मिलता है. इसके साथ शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि यह व्रत रखने से व्यक्ति को यज्ञ, तप और दान के समान फल की प्राप्ति होती है._*
🥘 *_एकादशी व्रत उद्यापन_*
*_एकादशी व्रत के दिन और उद्यापन पर ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए. पूजन कितना भी बड़ा या छोटा हो सभी व्रतियों को श्रद्धा के साथ इसे करना चाहिए. एकादशी व्रत का उद्यापन किसी योग्य आचार्य के मार्गदर्शन में करना चाहिए. उद्यापन में 12 माह की एकादशियों के निमित्त 12 ब्राह्मणों को पत्नी सहित निमंत्रित किया जाता है. उद्यापन पूजा में तांबे के कलश में चावल भरकर रखें. अष्टदल कमल बनाकर भगवान विष्णु और लक्ष्मी का षोडशोपचार पूजन किया जाता है. पूजन के बाद हवन होता है और सभी ब्राह्मणों को फलाहारी भोजन करवाकर वस्त्र,दान आदि दिया जाता है._*
🖌 *_””जय श्री महाकाल महाराज की””_*
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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष,राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*
*संपर्क सूत्र:- *मोबाइल. 8387869068*