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पंचाग 27-07-2023

 🚩🔱🕉️🔯📿🔥🌞🚩🔱
   *🌞*श्री गणेशाय नमः*🌞*
   *🌞*श्री मोर मुकुट बंशीवाले    नगर सेठ की जय हो, नागौर*🌞*

jyotish

*🌞~27 जुलाई  का  पंचांग ~🌞*
*⛅दिनांक - 27 जुलाई 2023*
*⛅दिन - गुरुवार*
*⛅विक्रम संवत् - 2080*
*⛅शक संवत् - 1945*
*⛅अयन - दक्षिणायन*
*⛅ऋतु - वर्षा*
*⛅मास - अधिक श्रावण*
*⛅पक्ष - शुक्ल*
*⛅तिथि - नवमी दोपहर 03:47.10 तक तत्पश्चात दशमी*
*⛅नक्षत्र - विशाखा रात्रि 01:27.05 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*⛅योग - शुभ* *दोपहर*
*01:36.49 तक* *तत्पश्चात शुक्ल*
*⛅करण    कौलव    15:47:10*
*⛅करण    तैतुल    27:25:29*
*⛅राहु काल हर जगह का अलग है - दोपहर 14:22 से 16:04 तक*
*⛅सूर्योदय - 05:57.22*
*⛅सूर्यास्त - 07:50.33*
*⛅दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:42 से 05:25 तक*
*⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:25 से 01:08 तक*

*⛅चोघडिया, दिन*⛅
*शुभ    05:57 - 07:38    शुभ*
*रोग    07:38 - 09:19    अशुभ*
*उद्वेग    09:19 - 11:00    अशुभ*
*चर    11:00 - 12:41    शुभ*
*लाभ    12:41 - 14:22    शुभ*
*अमृत    14:22 - 16:04    शुभ*
*काल    16:04 - 17:45    अशुभ*
*शुभ    17:45 - 19:26    शुभ*

 *⛅चोघडिया, रात*⛅
*अमृत    19:26 - *20:45    शुभ*
*चर    20:45* - *22:04    शुभ*
*रोग    22:04* - *23:23    अशुभ*
*काल    23:23* - *24:42अशुभ*
*लाभ    24:42* - *26:01शुभ*
*उद्वेग    26:01* - *27:20*अशुभ*
*शुभ    27:20* - *28:39*    शुभ*
*अमृत    28:39* - *29:58*    शुभ*

*🌞इस पंचांग के अनुसार🌞*            
*दिल्ली -10 मिनट---------जोधपुर +6 मिनट*
*जयपुर -5* *मिनट------अहमदाबाद +8 मिनट*
*कोटा  - 5 मिनट------------मुंबई +7* *मिनट*
*लखनऊ - 25* *मिनट------बीकानेर +5 मिनट*
कोलकाता -54 मिनट--जैसलमेर +15 मिनट अंतर है।*

*⛅व्रत पर्व विवरण -*
*⛅विशेष - नवमी को लौकी एवं दशमी को कलम्बी शाक खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*🔹संतरा - फलों द्वारा स्वास्थ्य-रक्षा🔹*

*🔸संतरा - यह सुपाच्य, क्षुधा व उत्साहवर्धक तथा  तृप्तिदायी है ।*

*🔸निम्नलिखित सभी प्रयोगों में संतरे के रस की मात्रा : ५० से १०० मि.ली.*

*👉 (१) संतरे व नींबू का रस (१० मि.ली.) हृदय की दुर्बलता व दोष मिटानेवाला है । दिन में २ बार लें ।*

*👉 (२) संतरे के रस में उतना ही नारियल पानी पेशाब की रुकावट दूर कर उसे स्वच्छ व खुल के लानेवाला है ।*

*👉 (३) शहदसंयुक्त संतरे का रस हृदयरोगजन्य सीने के दर्द, जकड़न व धड़कन बढ़ाने में लाभदायी है ।*

*👉 (४) संतरे के रस के साथ स्वादानुसार पुदीना, अदरक व नींबू का रस पेट के विकारों (उलटी, अरुचि, उदरवायु, दर्द व कब्ज आदि) में विशेष लाभकारी है ।*

*👉(५) संतरे का रस व १० ग्राम सत्तू अत्यधिक मासिक स्राव व उसके कारण उत्पन्न दुर्बलता में लाभदायी है । सगर्भावस्था में इसका नियमित सेवन करने से प्रसव सुलभ हो जाता है ।*

*🔹मन कल्पवृक्ष🔹*

*🔸सुबह उठकर भी यदि सोचते हैं कि 'मैं दुःखी हूँ... मेरा कोई नहीं... मैं लाचार हूँ...' तो पूरा दिन परेशानी और दुःख में बीतेगा । सुबह उठकर यदि आप यह सोचें कि 'दुःख तो बेवकूफी का फल है । चाहे कुछ भी हो जाय, मैं आज दुःखी होने वाला नहीं । मेरा रब, प्रभु मेरे साथ है । मनुष्य जन्म पाकर भी दुःखी और चिंतित रहना बड़े शर्म की बात है । दुःखी और चिंतित तो वे रहें जिनका आत्मा-परमात्मा मर गया । मेरा आत्मा-परमात्मा तो ऐ रब ! तू मौजूद है न ! प्रभु तेरी जय हो ! ..... आज तो मैं मौज में रहूँगा ।' तो फिर देखो, आपका दिन कैसा गुजरता है ।*

*आपका मन कल्पवृक्ष है । आप जैसा दृढ़ चिंतन करते हैं, वैसा होने लगता है । अतः धैर्यपूर्वक चिंतन करें ।*

*🔹गुरुवार विशेष 🔹*

*🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

*🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*

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*यह पंचांग नागौर (राजस्थान)के सूर्योदय के अनुसार है।*
*अस्वीकरण(Disclaimer)पंचांग, धर्म, ज्योतिष,राशि रत्न,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं।ज्योतिष एक अत्यंत जटिल विषय है, यहां पूरी सतर्कता के उपरांत भी मानवीय त्रुटि संभव, अतः संबंधित कोई भी कार्य या प्रयोग करने से पहले अपने स्वविवेक के साथ किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें...*
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*दिनेश "प्रेम" शर्मा रमल ज्योतिष आचार्य*🌞*

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