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पुराना समर्थवान भारत देश गरिमा के साथ वापस आ रहा है - राज्यपाल मंगू भाई पटेल

 पुराना समर्थवान भारत देश गरिमा के साथ वापस आ रहा है  - राज्यपाल  मंगू भाई पटेल
तीन दिवसीय राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला का समापन हुआ
नागौर  , जोधपुर  सहित  राजस्थान  के विभिन्न  जिलों का रहा प्रतिनिधित्व

National Education workshop👍


उज्जैन । राष्ट्रीय शिक्षा नीति
अभिनव दृष्टि के साथ बनाई गई है ।  भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप बनाई गई है । इस नीति से शिक्षा संस्कृति के साथ राष्ट्र भक्त विद्यार्थी का निर्माण होगा । एक समय था जब विदेश में पढ़ना गौरव बन गया था। अब समर्थवान पुराना भारत देश गरिमा के साथ वापस आ रहा है । शिक्षा शक्ति और साधन है । नई शिक्षा नीति विश्व में भारत को पहचान दिलाएगी।
           यह उद्गार माधव सेवा न्यास में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला का समापन करते हुए राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने व्यक्त किए । शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली, मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग, भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल एवं विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर आधारित राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला के समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि आज मुझे बहुत खुशी हो रही है इस राष्ट्रीय कार्य शाला में रूप से शैक्षिक  चिन्तन  हुआ  है। ऐसा लग रहा है कि महाकाल के आंगन में बैठकर 3 दिन तक गोष्टी में महत्वपूर्ण तपस्या हुई है, कई विचार उत्पन्न हुए होंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और नीति को आगे ले जाने के लिए आपने जो परिश्रम किया है । उसके परिणाम आने वाले दिनों में दिखाई देंगे ।  एक समय था जब  हमें शिक्षा बचाव के लिए आंदोलन करना पड़ रहा था । उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलपति और कार्यपरिषद सदस्यों को समझाइश देते हुए कहा की विश्वविद्यालय के कुलपति और कार्यपरिषद के सदस्य विश्वविद्यालय के विकास को गति देने के लिए पदस्थ किए जाते हैं । उन्हें अपनी गरिमा में मर्यादा का आभास होना चाहिए । उन्हें अपने अहम से टकराव की स्थिति निर्मित नहीं करना चाहिए । बल्कि विश्वविद्यालय के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहिए ।अच्छे बोल केवल सुनने के लिए नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें अपने आचरण से व्यक्त करना चाहिए । हम धार्मिक पुस्तकें पढ़ें और हमारा आचरण ठीक नहीं हो यह कदापि उचित नहीं है । अगर हमें विश्व गुरु बनना है तो सभी का योगदान जरूरी है।
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     न्यास के राष्ट्रीय सचिव भाई अतुल कोठारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में भारतीयता को आधार बनाया गया है । अब शिक्षा में व्यवहारिक परिवर्तन हो रहे हैं । कुलपति गण एक-दूसरे विश्वविद्यालय से समन्वय कर काम कर रहे हैं । शिक्षा परिवर्तन की गति से तेजी से बढ़ रही है । उन्होंने भारतीय भाषा के गौरव को व्यक्त करते हुए कहा कि दुनिया की श्रेष्ठ भाषा भारतीय भाषा मानी गई है । जब तक देश का छात्र आत्मनिर्भर नहीं होगा, देश आत्मनिर्भर नहीं हो सकता।
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       मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हमें अपने वास्तविक इतिहास को जानना जरूरी है ।अभी तक मुगलों के गौरव गान को ही पढ़ाया जाता रहा है । हमारे महापुरुषों के बलिदानों की गाथा हमें नहीं पढ़ाई गई  लेकिन अब वक्त बदल गया है । हम अपने प्राचीन गौरव को पुनर्स्थापित करने जा रहे हैं । न्यास  के जोधपुर  प्रांत  के प्रचार  आयाम  के प्रभारी बालकिशन  भाटी ने बताया कि तीन दिवसीय राष्ट्रीय शैक्षिक कार्यशाला का विवरण हिंदी ग्रंथ अकादमी के निदेशक  अशोक कडेल ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने किया । आभार न्यास के क्षेत्रीय संयोजक ओम प्रकाश शर्मा झाबुआ ने माना।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर संजय तिवारी मंच पर विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर राजस्थान  क्षेत्र  के संयोजक  डा. चन्द्रशेखर  कच्छवाह  के नेतृत्व  में जोधपुर प्रांत से संदीप जोशी प्रांत समन्वयक, आईदान सिंह, राणीदान सिंह, विवेकानन्द बिस्सा, पवन कुमार पंचारिया,  नागौर  के बलवीर शर्मा, प्रणय कुमार शर्मा, डा सुबोध कुमार विश्नोई, नटवर नागल, गुलशन कुमार मदान, कौशल, अमित,  डा. चंचल सोलंकी, वचनाराम आदि उपस्थित थे ।

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