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सांस्कृतिक हीनता को दूर करना जरूरी- प्रांत सचिव महेंद्र दवे।

 राष्ट्रभक्ति सांस्कृतिक संध्या नवोन्मेष 18 जून को

 
 प्रसिद्ध भजन गायक प्रकाश माली देंगे प्रस्तुतियां


 विशाल आयोजन को सफल बनाने के आह्वान को लेकर बैठक

 सांस्कृतिक हीनता को दूर करना जरूरी- प्रांत सचिव महेंद्र दवे

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 राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक संध्या का आयोजन जिला मुख्यालय पर रविवार 18 जून को होगा।  शारदा बाल निकेतन के खेल परिसर में आयोजित इस विशाल कार्यक्रम में प्रसिद्ध भजन गायक प्रकाश माली द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।  इस कार्यक्रम को विशाल व भव्य रुप से आयोजित करने के निमित्त शारदा बाल निकेतन में नगर के प्रमुख कार्यकर्ताओं की बैठक संपन्न हुई।  आयोजन समिति के संयोजक हरिराम धारणिया व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक मुकेश भाटी के मार्गदर्शन में यह बैठक संपन्न हुई।  इस अवसर पर विद्या भारती जोधपुर प्रांत सचिव महेंद्र कुमार का मुख्य वक्ता के रूप में बौद्धिक  पाथेय प्राप्त हुआ।  बैठक में आयोजन समिति के सह संयोजक सुखराम चौधरी व हनुमान सिंह देवड़ा ने भी मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रांत सचिव ने कहा कि भारत प्राचीन काल से  ही दुनिया का मार्गदर्शन करता था।  अब फिर से दुनिया भारत की तरफ मार्गदर्शन करने की दृष्टि से देख रही है। भारत की पारिवारिक परंपरा से ही संस्कृति का निर्माण हुआ।  भारत ने दुनिया का नेतृत्व अपने जीवन मूल्यों के आधार पर ही किया जो परिवार व संस्कृति से ही विकसित हुआ।  आज भी भारत के अंदर पर्याप्त योग्यताएं और क्षमताएं हैं।  भारतीय लोग मन में ठान लेने के बाद में हर असंभव दिखने वाले कार्य को संभव कर देते हैं।  भारत में कुछ समय पहले रक्षा उपकरण नहीं बनते थे लेकिन आज स्थिति अलग है।  भारत रक्षा उपकरणों का निर्यात करने लग गया हे और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।  इसी तरीके से पीपीई किट का उत्पादन भारत में नहीं के बराबर होता था लेकिन कोरोना की विभीषिका में आवश्यकता पड़ने पर भारत में इतना उत्पादन किया उसका भी निर्यात किया गया।  मुगल शासकों ने भारत पर 800 वर्षों तक अत्याचार किया लेकिन उनकी संस्कृति भारतीय घरों में प्रवेश नहीं कर पाई। लेकिन दुर्भाग्य से अंग्रेजों ने लगभग 200 वर्ष तक भारत में अपना राज्य किया और अंग्रेजी संस्कृति भारतीय घरों में पहुंच गई।  आज प्रत्येक भारतीय घर में पापा, मम्मी, डैड, मॉम, मैम, सर ऐसे शब्द सामान्य बोलचाल में  आ गए। जो अपनी संस्कृति के लिए हानिकारक है।
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32 अंग्रेजी अफसरों ने 12 वर्षों तक पूरे भारत का भ्रमण कर भारत की प्रत्येक अच्छाई को लिपिबद्ध करके अपने देश भेजा वहां से भारतीय अच्छाइयों को हटाकर भारतीय समाज के अंदर नकारात्मक रूप से भेजना शुरू किया जिसे भारतीयों के मन में अपनी ही संस्कृति के प्रति हीनता का भाव आने लग गया। भारतीय अंग्रेजी से ही अपने आप को सभ्य समझने लग गए। वर्तमान समय में विद्या भारती के जोधपुर प्रांत सहित राजस्थान क्षेत्र के अनेक विद्यार्थियों का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ।  इस वर्ष भी जोधपुर प्रांत में विद्या भारती में पढ़ने वाले 4 भैया बहनों का इस सेवा में चयन हुआ जो अपने आप में महत्वपूर्ण बात है।
 इस अवसर पर आयोजन के सह संयोजक सुखराम चौधरी ने कार्यक्रम की पृष्ठभूमि रखते हुए कहा कि जीवन के भागा दौड़ व कैरियर बनाने की होड़ में आने वाली युवा पीढ़ी के जीवन में प्रत्येक दिन आनंद का है इस भाव का अकाल पड़ रहा है । समाज जीवन में व्यक्तिगत बुद्धि आईक्यू पर जोर  देने से सामाजिक बुद्धि व सरोकार कम होना चिंता का विषय  है। इसी कारण लाखों का पैकेज पाने वाले इंजीनियर, बिजनेसमैन भी जीवन के परमानंद को  भुलाकर  निराशा के गर्त में डूब कर आत्महत्या कर रहे हैं।  युवा पीढ़ी को परिवार, बुजुर्ग, सामाजिक संवेदना, सामाजिक सरोकार से जोड़ने की बहुत बड़ी जरूरत अनुभव की जा रही है । इसी उद्देश्य को लेकर नवोन्मेष "राष्ट्रभक्ति सांस्कृतिक संध्या" का आयोजन 18 जून 2023 को किया जाएगा।
 सामाजिक कार्यकर्ता बालकिशन भाटी ने बताया बैठक में नगर की 16 बस्तियों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।  बैठक में बनाई गई।  कार्ययोजना के अनुसार 16 बस्तियों में 1 से 5 जून तक बस्ती अनुसार बैठकें संपन्न होगी जिसके आधार पर 6 जून से इस कार्यक्रम के निमित्त निमंत्रण पत्र घर-घर जाकर प्रदान किए जाएंगे।  लगभग 15 हजार निमंत्रण पत्र इस दृष्टि से समाज बंधुओं को देकर कार्यक्रम में आने का निवेदन किया जाएगा।  इस कार्यक्रम के निमित्त लगभग 20 हजार मातृशक्ति सहित नागरिकों के आने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
बैठक में मनीष शर्मा ने संचालन किया। इस अवसर पर रूद्रकुमार शर्मा, प्रहलाद भाटी, मांगीलाल बंसल, नागरचन्द भार्गव, शिक्षाविद श्रीमती सोहन कोर टाक, कमला चारण, रामसिंह राठौड़, गेनाराम , संजय सोनी, दिनेश माली, नंदकिशोर जांगिड़, जसाराम, शिवनारायण रांकावत, आरपी कासनिया, चेनाराम कच्छवाह, घासीराम चौधरी, दीपक कच्छावा, मांगीलाल, गोपाल जोशी, रामावतार चांडक, मनोज चौहान, मोना व्यास, मेघराज राव, अरविंद बोड़ा,उम्मेदराज शर्मा, रामेश्वर सारस्वत, इंदु चौधरी, अनुपमा उपाध्याय, सीमा मिश्रा, कमल अग्रवाल, गंगा सिंह, घेवर राम, भरत सोनी, श्रवण सेन, रामगोपाल सेन, शिव शंकर व्यास, नंदकिशोर शर्मा, लक्ष्मीनारायण, रेवंतराम, मनोज बिश्नोई, प्रेमाराम, शोभा, श्रीमती विनीता चौधरी, जगराम,  अंजू, भागीरथ सहित अनेक बंधु उपस्थित थे।

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