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सभापति निलंबन पर सवालिया निशान उठने पर गठित की जाँच कमेटी

 सभापति निलंबन पर सवालिया निशान उठने  पर गठित की जाँच  कमेटी

#आयुक्त नागौर व निलंबित सभापति के खिलाफ शिकायतों की जाँच करेगी कमेटी#

सभापति निलंबन पर सवालिया निशान उठने  पर गठित की जाँच  कमेटी
मीतू बोथरा


नागौर, सभापति मीतू बोथरा के निलंबन का आधार बनी जांच रिपोर्ट सवालिया निशान लगने पर  एक ही दिन में क्षेत्रीय उपनिदेशक की ओर से पहले जिला स्तरीय जांच कमेटी बनाई, फिर बाद में संशोधित आदेश में दूसरी नई जांच कमेटी बना दी। पहली बनी जांच कमेटी में जहां कुचामन, नावां एवं परबतसर के अधिकारी शामिल थे. वहीं दूसरी जांच कमेटी में भीलवाड़ा नगरपरिषद के अधिकारियों को शामिल किया है। जांच कमेटी को आयुक्त नागौर एवं निलंबित हुई सभापति मीतू बोथरा के संदर्भ में प्राप्त शिकायतों की तथ्यात्मक जांच कर सात दिन में रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि कमेटी को जांच से जुड़े समस्त आवश्यक दस्तावेजों को उपलब्ध कराने के लिए आयुक्त को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

कमेटी को निदेशालय जयपुर से प्राप्त शिकायतों की प्रति एवं आयुक्त नगरपरिषद नागौर से प्राप्त तथ्यात्मक प्रति भेज दी गई है। स्थानीय निकाय क्षेत्रीय उपनिदेशक की ओर से जारी निर्देश प्रपत्र में कमेटी को निर्देशित किया गया है कि वह नागौर नगरपरिषद में जाकर पूरे प्रकरण की जांच करेगी। कमेटी के गठन के साथ ही आयुक्त नागौर को यह भी निर्देशित किया गया है कि कमेटी की आवश्यकतानुसार वह समस्त दस्तावेजों को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएंगे। उल्लेखनीय है कि गत 16 मई को नगरपरिषद की सभापति मीतू बोथरा को सभापति एवं सदस्य दोनों से ही स्वायत्त शासन निदेशालय की ओर से निलंबित कर दिया गया था। इसमें हवाला दिया गया था कि जारी किए गए दोनों पट्टों पर स्थगनादेश होने के बाद भी आयुक्त एवं सभापति के हस्ताक्षर से विधि विरुद्ध पट्टे जारी किए गए। जबकि इन्हीं पट्टों के संदर्भ में स्वायत्त शासन निदेशालय के अतिरिक्त राजयकीय अधिवक्ता की ओर से अपनी विधिक राय में पट्टे को सही रूप में कानूनी तरीके से जारी होना बताया गया था। इसके साथ ही विधि की दृष्टि से इसके लिए नगरपरिषद की ओर से भी गठित की गई कमेटी ने भी पट्टा जारी करना सही बताया था। इसके अलावा. शिकायकर्ताओं में इस्लामुद्दीन एवं सरफराज की ओर से इस प्रकरण की कोई भी शिकायत करने से साफ इंकार कर दिया गया था। निलंबन की जांच रिपोर्ट में इन दोनों शिकायकर्ताओं की शिकायत पर हुई जांच के साथ प्राप्त शिकायतों की जांच स्थानीय निकाय क्षेत्रीय उपनिदेशक की ओर कराने पर दोषी सिद्ध होना बताया गया था। इन सारे सवालों को लेकर स्वायत्त शासन निदेशालय की कार्यशैली के साथ उनकी जांच रिपोर्ट पर लगातार सवाल उठ रहे थे। माना जा रहा है। कि लगातार हो रही किरकिरी से बचने. के लिए यह जांच कमेटी गठित की गई है। ताकि विभाग की ओर से निष्पक्षता का दावा किया जा सके।

*जांच की नई कमेटी का गठन*

सभापति मीतू बोथरा के निलंबन की रिपोर्ट पर लगातार सवाल उठने के बाद किरकिरी होने पर तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर सभी तथ्यों की बारीकी से जांच करने के आदेश दिए गए हैं। क्षेत्रीय उपनिदेशक की ओर से गठित कमेटी में नगरपरिषद
भीलवाड़ा के आयुक्त हेमाराम, नगरपरिषद भीलवाड़ा के अधिशासी अभियंता सूर्यप्रकाश सूर्यप्रकाश संचेती, नगरपरिषद भीलवाड़ा के सहायक लेखाधिकारी द्वितीय हिमांशु सुखवाल को शामिल किया गया है। जबकि इसके पहले गठित हुई कमेटी में नगरपालिका नावां के अधिशासी •अधिकारी, शिकेश कांकरिया, नगरपालिका कुचामनसिटी के सहायक लेखाधिकारी द्वितीय राजेन्द्र रेवाड़ एवं नगरपालिका परबतसर के कनिष्ठ अभियंता सुशील यादव को शामिल किया गया था।

#गुटबाजी में बंटे पार्षद#

निलंबित सभापति बोथरा की याचिका को लेकर शुक्रवार को शहर में तरह- तरह के कयास लगते रहे। बोथरा ने याचिका को विड्रॉ किया था, मगर सोशल मीडिया पर यह मैसेज वायरल होता रहा कि निलंबन आदेशों पर स्टे की याचिका खारिज हो गई है, जबकि बोथरा के अधिवक्ता ने याचिका को विड्रॉ किया था। उधर, यह भी जानकारी मिली हैं कि सभापति पद के लिए तीन खेमों में घंटे पार्षदों की तरफ से अभी तक डीएलबी में ठोस कार्यवाही नहीं हुई जानकार सूत्रों का कहना है कि तीनों खेमों ने डीएलबी में सभापति पद के लिए अपने नाम जरूर भिजवाएं हैं मगर वहां पर अभी तक किसी भी खेमें की तरफ से मजबूत पैरवी नहीं हुई है। जो नाम सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, उन पर कोई गौर नहीं हो रहा है। केवल मात्र स्थानीय स्तर पर ही पार्षद खेमेबाजी में बंटे हुए हैं। इसलिए सभापति पद को लेकर डीएलबी की तरफ से भी अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

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