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भजनों की सरिता के मध्य कुटुंब प्रबोधन की धारा बही

 भजनों की सरिता के मध्य कुटुंब प्रबोधन की धारा बही

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 संघ प्रचारक ने भजनों द्वारा परिवार, संस्कार व संस्कृति को समझाया
 नागौर विधायक चौधरी सहित अनेक गणमान्य नागरिक रहे मौजूद
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक नंदलाल उपाख्य  बाबाजी ने देशभक्ति गीत व भजनों के माध्यम से परिवार, संस्कार व संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को बताया।  बाबाजी ने सुराणा की पोल स्थित तेरापंथ भवन में भारत विकास परिषद के जोशी परिवार द्वारा आयोजित कुटुंब प्रबोधन कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं को समवेत भजनों का ज्ञान भी करवाया।  उन्होंने कहा कि माता पिता के प्रति कृतज्ञता का भाव ही व्यक्ति को ईश्वरोन्मुख करता है। माता पिता ही संसार में जीते जागते भगवान है। वर्तमान में मां पिता के प्रति श्रद्धा के भाव में कमी देखी जा रही है। आज के  अनेक युवा जन्म देने वाले माता पिता को आदर सम्मान नहीं देता है। बोलचाल की भाषा में "मम्मी" और "डैडी" शब्दों का प्रयोग सामान्य हो गया है, इन शब्दों के अर्थ देखें तो बड़ी विरोधाभासी स्थिति बनती है। एक घर में मां, गृहिणी, बहिन, दादी का स्थान सर्वोच्च होता है।परिवार के संचालन में मातृ शक्ति का कार्य तपस्या के समान माना जाता । आज के अभिभावक भी अपने बच्चों को पाश्चात्य अंधानुकरण के चलते सनातनी संस्कृति से विमुख कर रहें हैं।
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संस्कृत और हिंदी भाषा बोलने वाले बच्चों को हेय दृष्टि से देखे जाने की प्रवृत्ति फैलने लगी है जो कि चिंताजनक है।इसके विपरीत पश्चिमी देश वेदों और सनातन संस्कृति की ओर उन्मुख हो रहे हैं। विदेशों में गीता,रामचरितमानस, वेद, उपनिषद, योग, आयुर्वेद के प्रति झुकाव बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि अभी हाल ही के वर्षों में अमेरिका के व्हाइट हाउस में दीपावली पर्व को आधिकारिक रूप से मनाया जाना प्रारंभ हुआ है। सऊदी अरब में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है।भागवत कथाएं संपन्न हो रहीं हैं। ईसाई जगत के प्रमुख केंद्र रोम में योग दिवस पर मातृ वंदना का गायन किया जा रहा है। यह संकेत है कि भारत पुनः अपना खोया हुआ गौरव और वैभव प्राप्त कर रहा है।
कर्म की पवित्रता,
शुचिता और तपस्या ही श्रेष्ठ कार्यकर्ताओं का निर्माण करती है। जीवन में एक भी पल गवाएं बिना कर्म करते जाना ही सच्चे साधक का मार्ग है। सुख दुःख, धूप छाया, दिन रात, प्रशंसा निंदा, सफल असफल, आशा निराशा इन सब मायावी प्रपंचों को छोड़कर केवल निरंतर कर्म पथ पर बढ़ते जाना ही जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। कार्यक्रम का प्रारंभ नागौर के गायक सुनील शर्मा ने गणपति वंदना से प्रारंभ किया तत्पश्चात आकाशवाणी के उद्घोषक मांगीलाल देवड़ा, लक्ष्मी नारायण सोनी, मेघराज राव ने भजनों की प्रस्तुति दी।  कार्यक्रम में महंत जानकीदास महाराज ने भी अपने भजन के माध्यम से परिवार प्रबोधन कार्यक्रम में प्रवचन किए । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक नंदलाल जोशी बाबाजी तथा महंत जानकी दास महाराज ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम को प्रारंभ किया।  कार्यक्रम का संचालन शरद जोशी ने किया तथा भारत विकास परिषद के हेमंत ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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कार्यक्रम में
 तबले पर  प्रीतम भट्ट तथा ढ़ोलक पर हरि महाराज द्वारा संगत की गई। इस अवसर पर नागौर विधायक मोहनराम चौधरी, डॉ. बी एल भूतड़ा, डॉ अपूर्व कौशिक, डॉ. अमित राठी, मुकेश भाटी, नृत्य गोपाल मित्तल, भोजराज सारस्वत, बालकिशन भाटी, अजय शर्मा, पंकज जोशी, संजय सोनी, संघ के विभाग प्रचारक गिरधारी लाल, वैद्य जुगल किशोर पाराशर, आनंद अग्रवाल, जगवीर छाबा, हनुमान सिंह देवड़ा, रमेश अपूर्वा, सुरेश पारीक, अशोक कांगसिया,घेवरचंद नाहटा,जंवरी लाल भट्ट, सुधा अग्रवाल,शोभा सारड़ा,सरिता जोशी, इंदू चौधरी सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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