*आज जायल क्षेत्र की डेह तहसील के ग्राम झाड़ेली में ऐतिहासिक मायरा*
खेती और किसानी की अद्भुत कहानी के मंजर से निकलकर धरती माता सिने को चिरकर खुन पसिने की बुंदों को शिर से जमीन तक मेहनत करके भी जायल के जाट इतिहास के पन्नों में बहन- भाई के रिश्ते के रूप में मायरे के लिए आज तरड़ परिवार ग्राम कमेड़िया के #भाणजें भाई हरिराम गरूवा, राजेन्द्र गरूवा रामस्वरूप गरूवा पुत्रगण श्री भंवरलाल जी गरूवा निवासी ग्राम बुरड़ी द्वारा अपनी बहन गवरी के ग्राम झाड़ेली में श्री भंवरलाल पोटलिया के आज ऐतिहासिक मायरे के साक्षी बने |
जायल क्षेत्र में राज दरबार के टाइम से हजारों पिढ़ियों के बितने बाद भी "जायल का जाट,खियाल का चौधरी" की बात को चरितार्थ किया गया हैइस अवसर पर गरूवा परिवार बुरड़ी, पोटिलियां परिवार झाड़ेली, तरड़ परिवार कमेड़िया सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !!
*भाणु हरिराम गरूवा को भी बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं*
👉 81 लाख रुपये रोकड़ रूपए
👉 1.25 करोड़ की जमीन (16 बीघा खेत डेह की सरहद में)
👉 किसान का साथी ट्रेक्टर-ट्रॉली ( बाजारा से ट्रोली भरकर, एक गुड़ से पारात भरकर , पारात में घी का घेड़ा भरकर)
👉 स्कूटी ( टुविलर वाहन)
👉 50 तोला सोना
👉3.5 किलोग्राम चांदी
👉 पोटलिया परिवार के प्रत्येक घर को जवांरी स्वरूप चांदी के सिक्के
👉 नागौर शहर में सुशिल ऑयल के पास भुखण्ड/प्लोट ( किमत 35लाख)
👉 पुरे परिवार को कपड़े, कबले नगदी सिखें