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आज शाम को आसमान में दिखेगी अनोखी खगोलीय घटना चंद्रमा, शुक्र और शनि होंगे एक दूसरे के बेहद करीब

आज शाम को आसमान में दिखेगी अनोखी खगोलीय घटना चंद्रमा, शुक्र और शनि होंगे एक दूसरे के बेहद करीब

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द्र-शुक्र-शनि की युक्ति का त्रिगृह योग*
         
         आज शाम को आसमान में दिखेगी अनोखी खगोलीय घटना चंद्रमा, शुक्र और शनि होंगे एक दूसरे के बेहद करीब करीब 1 घंटा 30 मिनट तक देखा जा सकेगा यह नजारा आपकी आंखों से देखे।

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आज शाम हम सभी को आसमान में बहुत ही अनोखा और सुंदर खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा। आसमान में चंद्रमा, शुक्र और शनि तीन ग्रहों की युति आसमान में एकदम साफ और स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। इस अनोखी खगोलीय घटना का नजारा हम सभी खुली आंखों से देख सकेंगे। इसके अलावा वेधशाला में दूरबीन की मदद से इस सुंदर खगोलीय नजारें का लुप्त उठा सकते हैं। 23 जनवरी 2023 को सूर्यास्त के बाद आकाश में पश्चिम दिशा की तरफ चंद्रमा, शुक्र और शनि ग्रह तीनों एक साथ नजर आएंगे।

जीवाजी वेधशाली, उज्जैन, मध्य प्रदेश के अनुसार आज शाम को यह सुंदर खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा, जब तीन प्रमुख ग्रह चंद्रमा-शुक्र-शनि की युति देखने को मिलेगी। 23 जनवरी को द्वितीया तिथि पर सायन गणना के अनुसार चंद्रमा कुंभ राशि में 27 अंश और 2 कला पर होगा और उसकी क्रांति 16 अंश 59 कला दक्षिण होगी।

     शुक्र ग्रह कुंभ राशि में 25 अंश 13 कला पर होगा और उसकी क्रांति 14 अंश 29 कला दक्षिण होगी। इसी प्रक्रार शनि ग्रह भी कुंभ राशि में 24 अंश 50 कला पर होगा और उसकी क्रांति 14 अंश 25 कला दक्षिण होगी। इस तरह हम देखते हैं कि चंद्रमा के साथ शुक्र और शनि ग्रह एक ही राशि में अत्यंत पास-पास हैं।

*आसमान में इस दिशा में दिखेगा अनोखा नजारा*

      ज्योतिषशास्त्र की गणना के अनुसार शनि 17 जनवरी को कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं और शुक्र भी 22 जनवरी को कुंभ राशि की यात्रा पर हैं वहीं चंद्रमा 23 जनवरी की शाम को कुंभ राशि में विचरण करेंगे। ऐसे में आज शाम को शुक्र-शनि और चंद्रमा का एक राशि में एक साथ रहेंगे। इस तरह से  आज शाम को चंद्रमा,शुक्र और शनि तीनों ही एक-दूसरे के बेहद करीब नजर आएंगे।
शुक्र ग्रह कुंभ राशि में 25 अंश 13 कला पर होगा और उसकी क्रांति 14 अंश 29 कला दक्षिण होगी। इसी प्रक्रा शनि ग्रह भी कुंभ राशि में 24 अंश 50 कला पर होगा और उसकी क्रांति 14 अंश 25 कला दक्षिण होगी। इस तरह हम देखते हैं कि चंद्रमा के साथ शुक्र और शनि ग्रह एक ही राशि में अत्यंत पास-पास हैं।
           23 जनवरी को  सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा की तरफ चंद्रमा का आकार एक हासिए की तरह दिखाई देगा। वहीं चंद्रमा के बिलकुल नीचे दक्षिण की ओर चमकता हुए शुक्र भी बेहद चमकता हुआ दिखाई देगा। शुक्र ग्रह के ठीक नीचे शनि ग्रह को भी आसानी के साथ देखा जा सकता है हालांकि शनि की चमक थोड़ी फीकी रहेगी।

*इतने देर तक देखा जा सकेगा यह अनोखा नजारा*
         
          सोमवार, 23 जनवरी 2023 को चंद्रमा 06 बजकर 07.51 मिनट नागौर समय अनुसार समय  पर अस्त हो रहा है। ऐसे में लोग इस शनि-शुक्र और चंद्रमा के अनोखे नजारे को करीब 1 घंटा 30 मिनट तक बहुत ही अच्छी तरह देख सकेंगे। इस अनोखे नजारे को लोग अपने घर की छत पर खड़े होकर खुली आंखों से बहुत ही अच्छी तरह से देख सकते हैं। इसे देखने में किसी भी तरह के टेलिस्कोप की जरूरत नहीं पड़ेगी।

*चंद्र-शुक्र-शनि की युक्ति का त्रिगृह योग का ज्योतिष प्रभाव*
        
      ज्योतिषीय भाषा में इसको त्रिग्रही योग कहा जाता है अगर तीनों ग्रह कुंडली के किस भाव में बैठते हैं उसी से आगे की युक्ति का पता लगाया जा सकता है अक्सर ऐसा देखा गया है कि
।।शनिशुक्रसंयोगे लिखकर्ता स वेद वित्त ।।पुरोहित कुल उत्पन्नो भवेत पुस्तक वाचक।।
      यानि यह तीनों भाव जिसके एक साथ बैठते हैं वह व्यक्ति वेदों का अच्छा ज्ञाता होता है शिक्षाविद होते हैं पुरोहित्य कर्म या कुल कथावाचक आदि हो सकते हैं। और प्रखर वक्ता भी हो सकता है। स्टेज शो करते हैं, अच्छे आर्टिस्ट एवं टैलेंट वाले होते हैं।
चंद्र और शुक्र का संयुक्त प्रभाव व्यक्ति को उदार और विनम्र बनाता है। ऐसे लोग दयालु और मदद करने वाले स्वभाव के होते हैं। ये दान और दान में भी विश्वास रखते हैं। इसके अलावा, शनि की ऊर्जा यह सुनिश्चित करती है कि उन्हें जो भी कार्य सौंपा जाता है, उसमें वे कोई कसर नहीं छोड़ते। औसत से अधिक अंतर्ज्ञान और रचनात्मकता के कारण उनमें ज्योतिष, शिक्षण, संपादन ट्रैवल एजेंसी और ट्रांसपोर्ट आदि या अकाउंटेंट संबंधी काम और यहां तक ​​कि व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के सभी गुण हैं।
परंतु यह स्वस्थ एवं आलस्य शकी मिजाज एवं लापरवाही वाले व्यक्तित्व में देखे जा सकते हैं अकेलापन ज्यादा महसूस करते हैं।
             चंद्र, शुक्र और शनि की युति के प्रभाव में जातक बौद्धिक और धार्मिक विषयों में पारंगत होते हैं। ये मूल निवासी आमतौर पर कुलीन परिवारों से ताल्लुक रखते हैं और प्रतिष्ठित और विद्वान व्यक्तियों के पक्षधर हैं। वे जीवन में कई महिलाओं के साथ देखा गया हैं। हालांकि, इनका वैवाहिक जीवन अक्सर बाधाओं का सामना करने में असफल रहता है।
   इस योग को हालांकि स्त्री दोष योग भी कहा गया है। परंतु जिनके कुंडली में यह योग बनता है इनको स्त्रीत्व प्रभाव में ज्यादा देखा गया है और उस परिवार में स्त्रियों की संख्या ज्यादा होगी और साथ में ही धन का अभाव भी देखा गया है हालांकि उपरोक्त भाव कुंडली के किस स्थान पर है उस आकलन पर किया जाता है।
चंद्र और शुक्र की का योग कर्ज देता है पर यहां साथ में धन योग भी बन रहा है।
यह सब देखने से पहले आप अपने कुंडली के भाव को देख ले की वह शुभ राशि में बैठे हैं? कहीं पाप से ग्रस्त दृष्ट तो नहीं है या मित्र के साथ में है।
ऐसी घटना क्रम के बारे में
रमल ज्योतिषाचार्य दिनेश शर्मा नागौर ने बताया।

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