*मकर संक्रान्ति पर चाइनीज मांझे का नहीं कर सकेंगे उपयोग*
जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी कर किया प्रतिबंधित
नागौर, 9 जनवरी ।
जिले में मकर संक्रान्ति पर्व पर लोक स्वास्थ्य, मानव सुरक्षा एवं पशु पक्षियों की जान के खतरे को ध्यान में रखते हुए तथा विद्युत प्रसारण को बाधा रहित बनाये रखने के उद्देश्य से पतंगबाजी के लिए प्रयुक्त होने वाले धातुओं के मिश्रण से निर्मित मांझा (सामान्य प्रचलित भाषा में "चाइनीज मांझा')के उपयोग पर निरोधात्मक कार्यवाही करते हुए जिला मजिस्ट्रेट पीयूष समारिया ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी कर 31 जनवरी तक जिले में निषेधाज्ञा लागू की है । जिला मजिस्ट्रेट पीयूष समारिया ने बताया कि यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से तैयार किया जाता हैं, जो पंतग के पेच लड़ाने में अधिक कारगर होता हैं। इस कारण से इसका प्रयोग अधिक किया जाने लगा है। उक्त मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से निर्मित होने से धारदार तथा विद्युत का सुचालक होता है, जिसके उपयोग के दौरान दोपहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को अत्याधिक जान-माल का नुकसान होना संभावित हैं, साथ ही विद्युत का सुचालक होने के कारण विद्युत तारों के सम्पर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वालों को भी नुकसान पहुँचना तथा विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न होने का खतरा बना रहता हैं। इस समस्या व खतरे के निवारण के लिए "धातु निर्मित मांझा (सामान्य प्रचलित भाषा में "चाइनीज मांझा ) के उपयोग एवं विक्रय को निषेध किया गया है ।
उन्होंने बताया कि लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बाधा रहित बनाये रखने एवं पक्षियों के लिये बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके "धातु निर्मित मांझा (सामान्य प्रचलित भाषा में "चाइनीज मांझा") की थोक व खुदरा बिक्री, भंडारण, परिवहन तथा उपयोग राजस्व जिला नागौर की क्षेत्राधिकारिता में निषेध / प्रतिबंधित की गई है । जिला मजिस्ट्रेट समारिया ने बताया कि कोई भी व्यक्ति यदि उपरोक्त प्रकार के मांझों का भण्डारण, विक्रय, परिवहन अथवा उपभोग करेगा तो उसके विरूद्ध यथा प्रचलित सम्यक् कानून के तहत कार्यवाही की जायेगी। जिला मजिस्ट्रेट पीयूष समारिया ने आमजन को यह भी निर्देशित किया है कि पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिए प्रातः 6 से 8 बजे तथा सायं 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध रहेगा। जिला मजिस्ट्रेट ने जिले के सभी नागरिकों को इस आदेश की पालना करने एवं अवहेलना ना करने के निर्देश दिए है । उन्होंने बताया कि किसी भी व्यक्ति द्वारा इसके उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डनीय अपराध होगा तथा अवहेलना करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार अभियोग चलाया जायेगा।