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*सघन स्वयंसेवक नामांकन कार्यक्रम के तहत साइबर सुरक्षा पर हुई पोस्टर प्रतियोगिता *

 *सघन स्वयंसेवक नामांकन कार्यक्रम के तहत साइबर सुरक्षा पर हुई पोस्टर प्रतियोगिता *

साईबर सुरक्षा



भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के स्वायत शासी संगठन नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा चलाए जा रहे संघन स्वयंसेवक नामांकन कार्यक्रम का आयोजन गांव ढाणी यूवा मंडल फिड़ौद द्वारा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फिड़ौद में किया गया। गांव ढाणी युवा मंडल फिड़ौद के अध्यक्ष श्याम सुंदर ने बताया कि केंद्र द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रनिर्माण की विभिन्न गतिविधियों से जोड़ना व उनके व्यक्तित्व का निर्माण करना है। इसी के तहत आज राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य श्री सुरेश सोनी की अध्यक्षता में साईबर सुरक्षा विषयक पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में युवाओं ने साइबर सुरक्षा से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर पोस्टर बनाएं।प्रधानाचार्य श्री सुरेश सोनी ने बताया कि यह युग तकनीकी युग है, यह वर्चुअल का जमाना है और वर्चुअल समय में अपराध भी वर्चुअल तरीके से होते है। साइबर क्राइम के कई उदाहरणों में धोखाधड़ी, पहचान की चोरी, साइबर स्टॉकिंग, सिस्टम को नष्ट करने के लिए वायरस जैसे मैलवेयर बनाना या भेजना या फिर पैसे कमाने के लिए डेटा चोरी करना, आदि शामिल हैं। ऐसी गतिविधियों में शामिल लोग उन्हें पैसे कमाने का एक आसान तरीका मानते हैं। यहाँ तक कि बहुत से पढ़े-लिखे और ज्ञान से परिपूर्ण व्यक्ति भी इस तरह की गतिविधियों में शामिल होते हैं। अपने दिमाग को सकारात्मक तरीके से इस्तेमाल करने के बजाय वे साइबर अपराधिक गतिविधियों में खुद को नियुक्त करते हैं। दिन-प्रतिदिन यह हमारे समाज और राष्ट्र के लिए एक बड़ा खतरा बनते जा रहा है।
सरपंच बिन्दू जाखड़ ने भी उद्बोधन देते हुए कहा कि साइबर अपराध वर्तमान परिदृश्य में, इंटरनेट के माध्यम से किया जाने वाला सबसे प्रचलित अपराध बन चुका है। यह पीड़ित को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। इसलिए इस तरह के अपराधों से बचने के लिए हमें कुछ उपाय करने चाहिए।        सतर्कतापूर्ण व्यवहार और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन केवल एक सहायक उपकरण की तरह है जो साइबर अपराध की घटनाओं पर कुछ हद तक काबू पा सकते हैं। कार्यकम में वरिष्ठ लेखाधिकारी ( से.नि.) रामचंद्र सिरोही, नीलकंठ चौधरी, रामेश्वर बिश्नोई भी उपस्थित थे।

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