*संविधान को जाने - नागरिक जागरूकता कार्यक्रम संपन्न*
इस वर्ष हम 73वा संविधान दिवस मना रहे हैं इसका उद्देश्य युवाओं में संविधान , मूल अधिकार व मौलिक कर्तव्यों की जागरूकता बढ़ाना है। जिस तरह से संविधान की उद्देशिका मे एक-एक शब्द समानता को दर्शाता है। इस मौके पर असिस्टेंट प्रोफेसर श्री चतुर्गुण खलदानिया ने युवाओं को संविधान की शपथ दिलाई एवं बताया कि भारत का सविंधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित तथा कठोर सविंधान है।सविंधान हमें जीवन का असली अर्थ और देश के के लिए सम्मान की भावना को जगाता है। यह देश का सर्वोच्च विधान है।सविंधान दिवस का महत्व हर भारतीय के लिए है, जहा इस दिवस से देश के सभी नागरिको को सविंधान तथा भारतीय व्यवस्था के बारे में बताया जाता है व विधि छात्रों के लिए इसकी महत्ता बढ़ जाती है।
संविधान को जाने - नागरिक जागरूकता कार्यक्रम संपन्न नागोर
भारत का संविधान देश की आत्मा है इसके द्वारा ही देश का संचालन हो रहा है और भारत में जितने भी सरकारी संस्थान हैं उनमें जो भी शक्तियां संभावित है उनको विशेष अधिकार संविधान के माध्यम से ही दिया गया है ।इसके अलावा संविधान में भारतीय नागरिकों के के लिए विशेष प्रकार के अधिकार और कर्तव्य वर्णित किया गया है ।संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में संविधान दिवस मनाया जाता है। संविधान प्रत्येक भारतीय के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके द्वारा हमें अनेकों प्रकार के मौलिक अधिकार मिले हैं और उन अधिकार के माध्यम से आप अपनी बात आसानी से दूसरे व्यक्ति के सामने रख सकते हैं और देश के विकास में आपको किस प्रकार की भूमिका निभाना है उसकी भी कार्य संरचना संविधान में वर्णित है I इस कार्यक्रम में अपने संविधान को जानो विषयक पोस्टर व प्रश्नोंत्रि प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ जिसमें युवाओं में बढ़ चढ़ कर भाग लिया।
पोस्टर प्रतियोगिता में मोनिका सोनी प्रथम, कविता कृष्ण जावा द्वितीय व रितिका भार्गव व वर्तिका भाटी तृतीय रही। क्विज में चंदर प्रथम, वर्तिका द्वितीय व सुमेर सिंह तृतीय रहे। कार्यक्रम के अंत में सहायक प्रोफेसर श्री उम्मेद सिंह ने उद्बोधन देते हुए कहा कि संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य यही है कि युवाओं को भी मालूम चल सके कि भारतीय संविधान का महत्व क्या है और भारतीय संविधान किस प्रकार भारत के उन्नति के लिए महत्वपूर्ण है?, क्योंकि युवा ही भारत का भविष्य हैं I भारत का भविष्य उनके हाथों में सुरक्षित अगर रखना है तो भारतीय संविधान के हर एक प्रारूप और पहलुओं के बारे में जानकारी देनी होगी तभी जाकर हमारा देश संविधान के अनुकूल काम कर पाएगा और उन्नति के पथ पर अग्रसर हो पाएगा I अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर सहायक प्रोफेसर श्री राकेश शर्मा, कनिष्ट सहायक अंकित राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक भूमिक गौड़, सुशील कुमार व अन्य युवा शामिल थे।