*स्वच्छ भारत पर हुई निबंध प्रतियोगिता*
भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के स्वायत शासी संगठन नेहरू युवा केंद्र नागौर द्वारा चलाए जा रहे क्लीन इंडिया 2.0 कार्यक्रम के तहत में मां शारदा विद्या मंदिर स्कूल ताऊसर में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।प्रतियोगिता संयुक्त तत्वाधान में करवाई गई। राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक श्यामसुंदर ने बताया कि जिला युवा अधिकारी सुरमयी शर्मा के निर्देशन में 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक क्लीन इंडिया 2.0 अभियान चलाया जाएगा।
इसके तहत पिछले वर्ष की भांति सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति गांव गांव में लोगों को जागरूक करेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत स्वच्छता शपथ से की गई जिसमे विद्यार्थियों व शिक्षकों ने स्वच्छता की शपथ ली। इसके बाद स्वच्छ भारत विषयक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इस मौके पर प्रधानाध्यापक श्री बिरदीचन्द सांखला द्वारा उद्बोधन दिया गया जिसमे उन्होंने बताया कि इन सामानों की उपयोगिता कम है और तुरंत फेंक दिया जाता है।यह सामान यानी वह प्लास्टिक का सामान जो फेंकने से पहले या रिसाइकल करने से पहले सिर्फ एक बार ही अमूमन इस्तेमाल किया जाता है।वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के मुताबिक, पिछले 50 साल में प्लास्टिक का इस्तेमाल 20 गुना बढ़ चुका है। लेकिन प्लास्टिक से पर्यावरण में जहरीले केमिकल घुल जाते हैं जो इंसान और जानवर दोनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
यह खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह मिट्टी की गुणवत्ता को खराब करता है, पानी को दूषित करता है क्योंकि हर कैटिगरी के प्लास्टिक में रंग, कैमिकल आदि होते हैं। हमारे घरों के कचरे से लेकर पड़ोस के कूड़ेदान तक सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे में सबसे ज्यादा होता है। यही कचरा नालों से बहकर नदियों और समुद्र तक पहुंचता है। इस मौके पर विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।इस कार्यक्रम में श्री इंद्रचंद सिरोही, जयकिशन, सुरेश तंवर, चेनाराम, राधेश्याम, रूपचंद, राजाराम, रामप्रकाश फिडोदा, नरेश, अर्जुन राम आदि उपस्थित थे।
इसके तहत पिछले वर्ष की भांति सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति गांव गांव में लोगों को जागरूक करेंगे। कार्यक्रम की शुरुआत स्वच्छता शपथ से की गई जिसमे विद्यार्थियों व शिक्षकों ने स्वच्छता की शपथ ली। इसके बाद स्वच्छ भारत विषयक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इस मौके पर प्रधानाध्यापक श्री बिरदीचन्द सांखला द्वारा उद्बोधन दिया गया जिसमे उन्होंने बताया कि इन सामानों की उपयोगिता कम है और तुरंत फेंक दिया जाता है।यह सामान यानी वह प्लास्टिक का सामान जो फेंकने से पहले या रिसाइकल करने से पहले सिर्फ एक बार ही अमूमन इस्तेमाल किया जाता है।वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के मुताबिक, पिछले 50 साल में प्लास्टिक का इस्तेमाल 20 गुना बढ़ चुका है। लेकिन प्लास्टिक से पर्यावरण में जहरीले केमिकल घुल जाते हैं जो इंसान और जानवर दोनों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
यह खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह मिट्टी की गुणवत्ता को खराब करता है, पानी को दूषित करता है क्योंकि हर कैटिगरी के प्लास्टिक में रंग, कैमिकल आदि होते हैं। हमारे घरों के कचरे से लेकर पड़ोस के कूड़ेदान तक सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे में सबसे ज्यादा होता है। यही कचरा नालों से बहकर नदियों और समुद्र तक पहुंचता है। इस मौके पर विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।इस कार्यक्रम में श्री इंद्रचंद सिरोही, जयकिशन, सुरेश तंवर, चेनाराम, राधेश्याम, रूपचंद, राजाराम, रामप्रकाश फिडोदा, नरेश, अर्जुन राम आदि उपस्थित थे।