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परिवार नियोजन गर्भपात जैसे हथकंडे जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर अपनाए वहां धीरे-धीरे पतन हुआ

 नागौर,,,,,,,, जिन जिन तथाकथित विकसित देशों ने परिवार नियोजन गर्भपात जैसे हथकंडे जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर अपनाए वहां धीरे-धीरे पतन हुआ


है और दुष्परिणाम सामने आने पर उनके द्वारा और प्रलोभन आर्थिक सहायता देकर संतति बढ़ाने को प्रेरित किया गया है वस्तुस्थिति यह है कि आज परिवार कल्याण व समरूप क्रियाओं के परिणाम स्वरुप ही एकमात्र संतान के अवज्ञाकारी हो जाने पर नित नए वृद्धाश्रम और बुजुर्गजनों को जीवन के उत्तरार्ध में अपमानित होकर बेघर होना पड़ रहा है जनसंख्या वृद्धि व गरीबी जैसी बातें मिथ्या धारणाओं पर आधारित है समझने की जरूरत है कि जन्म पर तो नियंत्रण और मौत पर कोई नियंत्रण नहीं यह कैसी बुद्धिमानी है।
 यह विचार गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकिशोर तिवाड़ी ने आज नागौर अल्प प्रवास के दौरान व्यक्त किए । आनंद आश्रम में नागौर इकाई के कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए तिवाड़ी ने कहा कि अहिंसा के पुजारी भारत देश में जिस तरह से सफाई( गर्भपात )के नाम पर हिंसा का तांडव चल रहा है और माता की पवित्र कोख में पल रहे जीव को टुकड़े टुकड़े कर निकालने का दानवी कृत्य हो रहा है अमेरिका सहित अनेक राष्ट्र गर्भपात को विनाशकारी मानते हुए कानून बनाकर इसे रोकने के कारगर उपाय करने में जुटे हैं परंतु हमारा नेतृत्व जघन्य अपराध को सख्त कानून संसद में बनाने के नाम पर मौन है ।तिवाड़ी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्ययन के अनुसार गर्भपात की बढ़ती प्रवृत्ति से स्त्रियों में बांझपन बढ़ रहा है गर्भपात के पश्चात स्त्री रोगों का पिटारा बन कर रह जाती है और इसमें मोटापा बढ़कर कैंसर हृदय घात रक्त के थक्के जमने की संभावनाएं बहुत अधिक बढ़ जाती है तथा इस संक्रमण से शरीर रोगी हो जाता है और पुनः गर्भधारण की संभावना नहीं रहती है उन्होंने कहा कि गर्भपात के दुष्परिणामों से चिंतित होकर हमारे देश के संतों और धर्माचार्य नें जरूर इन नृशंस हत्याओं के विरुद्ध समाज में जनजागृति करने का अभियान चलाया है मगर यह पर्याप्त नहीं समाज के प्रत्येक वर्ग को इस संबंध में आगे आना होगा। समिति के संरक्षक चांदमल टाक ने इस अवसर पर कहा कि जिस प्रकार से अंतरराष्ट्रीय साजिश के तहत परिवार नियोजन को थोपा जा रहा है और इसके नाम पर जनता के धन को बर्बाद किया जा रहा है वह उचित नहीं है जनसंख्या बढ़े इसके भी हम पक्षधर नहीं हैं परंतु जनसंख्या नियंत्रण के लिए सोनोग्राफी मशीन का दुरुपयोग गर्भपात वर्ग विशेष पर लागू करने के तौर-तरीकों का हम विरोध कर रहे हैं ।समिति के जिला अध्यक्ष शिवशंकर व्यास ने इस अवसर पर कहा कि स्त्री पुरुष एक समान व हिंदू मुस्लिम भाई भाई जैसे अनेकों नारे नित्य प्रति प्रचलन में आ रहे हैं तो इस राष्ट्र में जन्म लेने वाले पलने वाले प्रत्येक नागरिक पर समान कानून और सामान प्रक्रिया लागू क्यों नहीं है जब हम राष्ट्रभाषा हिंदी की बात करते हैं तो जबरन थोपने का आरोप लगाया जाता है जब हम हिंदू हित की बात करते हैं तो हमें सांप्रदायिक करार दिया जाता है जब हम समान कानून की बात करते हैं तो एक वर्ग विशेष की भावनाओं को आहत पहुंचाने की बात कहकर चुप कराया जाता है उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का भी खुला उल्लंघन हो रहा है। बैठक में अनेक कार्यकर्ताओं ने बढ़ती जनसंख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार द्वारा कानून बनाकर रोक लगाने की मांग की गई। बैठक को माहेश्वरी समाज के जिला अध्यक्ष सत्यनारायण भंडारी ने भी संबोधित किया। बैठक में आगामी अनेक प्रकार के जन जागरण कार्यक्रमों का आयोजन करके प्रत्येक नागरिक इस विषय को पहुंचाने का आह्वान किया गया । इस मौके पर गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति महिला प्रकोष्ठ प्रभारी निर्मला शर्मा, पुष्टिकर विद्यालय के व्यवस्थापक आनंद पुरोहित, समिति के सचिव बजरंग रतावा, विजय कुमार तिवारी, दिलीप भोजक, रामस्वरूप मांडण, विमला व्यास, नीलम पुरोहित, गणपत लाल पारीक, अरविंद जैन, आदि उपस्थित रहे ।

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