*स्वयं सहायता समूह से ऋण लेकर व्यवसाय प्रारंभ किया*
*अब कमा रही 8 से 10 हजार प्रतिमाह*
*दादोसा स्वयं सहायता समूह का गठन किया*
गरीबी व आर्थिक कमजोरी के हालातों से गुजर रही सायर कंवर के परिवार का खेती के अलावा आय का कोई अन्य स्त्रोत नही था। सायर कंवर के लिए बच्चो का पालन पोषण व अन्य खर्च निकालना मुश्किल हो गया था, राजीविका परियोजना के द्वारा चलाये जा रहे स्वयं सहायता समूह अभियान से इनके गाँव हुडील में CRP टीम द्वारा सर्वे किया जा रहा था, तब CRP टीम द्वारा इनको समूह से जुड़ने के लाभ बताये गये कि वे कैसे परिवार को आर्थिक मदद कर गरीबी रेखा से ऊपर ला सकती हैं। जनवरी 2017 में सायर कंवर के साथ अन्य 12 महिलाओ को मिलाकर दादोसा स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया।
*20- 20 रुपए की बचत की,सूक्ष्म ऋण से किया आपसी लेन देन*
समूह से जुड़ने के पश्चात महिलाओ द्वारा 20-20 रूपये की बचत करनी प्रारम्भ की गई और आपसी लेनदेन सुक्ष्म ऋण के माध्यम से होने लगा। जिसका इनके द्वारा घर खर्च व प्रारम्भिक आवश्यकताओं पर खर्च किया गया फिर समूह को राजीविका के द्वारा T1 व T2 के रूप में सहायता राशि मिलने के पश्चात बड़े ऋण के रूप समूह लेनदेन प्रारम्भ किया गया। धीरे-धीरे समूह में आपसी लेनदेन से ब्याज और बचत से पैसा बढ़ने लगा। तत्पश्चात इनके द्वारा जनवरी 2018 में 20,000 रूपये की राशि का प्रथम ऋण लिया गया जिसको इन्होंने कपडो की दुकान के व्यवसाय में लगाया। धीरे-धीरे कपड़े का व्यवसाय चलने लगा। अब परिवार की स्थिति में थोड़ा सुधार होने लगा व इनके द्वारा प्रथम ऋण भी चुका दिया गया था, फिर सायर कंवर को लगा कि गांव में कोई कोस्मेटिक आईटम व रेडिमेड कपड़े की दुकान नही है एवं गांव की महिलाओ को गांव से 10 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। तत्पश्चात सायर कंवर ने समूह के माध्यम से अप्रैल 2021 को समूह से 30,000 रूपये का ऋण लिया व अपना कॉस्मेटिक व रेडिमेड कपड़ा का व्यवसाय प्रारम्भ किया और कुछ रूपये अपने कपड़ा व्यवसाय में सामान भरने के लिए लगा दिये, वर्तमान में सायर कंवर अपने व्यवसाय से 8000-10000 रूपये प्रति माह आय अर्जित कर रही है।