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पद्मश्री हिम्मताराम भाम्भू का महाराष्ट्र में होगा सम्मान


 राजस्थान के ट्री-मैन प्रसिद्ध पर्यावरण प्रेमी, पदमश्री


हिम्मताराम भांभू मुम्बई में महाराष्ट्र सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लेगें। उसके बाद भांभू सायं 6 बजे बैंक ऑफ बड़ौदा हैड ऑफिस में सम्मान समारोह में भाग लेंगे।

6दिनांक 20 जुलाई 1908 को बड़ौदा से विश्व भर के 17 देशों तक की 114 वर्षों की विकास यात्रा दूरदर्शिता,
, वित्तीय कुशलता और कॉर्पोरेट गवर्नेस के साथ गौरवशाली रही है। भारत का गौरव बनाया है इस स्थापना दिवस के विशेष अवसर को बैंक अपने 153 मिलियन से अधिक ग्राहकों हित धारकों और जन सामान्य के साथ रहे हैं।
जिन्होंने इस महान संस्थान के निर्माण में व पर्यावरण प्रकृति को बचाने, पेड़ लगाने एवं वन्य जीवों का संरक्षण जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए महान विभूतियों को सम्मानित करने के लिए (बड़ौदा सन एचीवमेंट अवार्ड) की शुरूआत की है। यह पुरूस्कार पद्मश्री हिम्मताराम भांभू को दिया जायेगा। इस पुरूस्कार में प्रशस्ति-पत्र, शॉल और 2 लाख 50 हजार राशि भी शामिल है। पुरूषोत्तम मुख्य महाप्रबंधक (रिटेल देयताएं, विपणन एवं सरकारी कारोबार) बैंक ऑफ बड़ौदा हैड ऑफिस मुम्बई ने बताते हुए अत्यन्त प्रशंसा व्यक्त की है कि 20 जुलाई 2022 को अपना 115वाँ स्थापना दिवस मना रहा है। इस वर्ष बैंक ने प्रकृति संरक्षण, वृक्षारोपण और वन्य जीव संरक्षण की श्रेणी में पदमश्री अवार्डी हिम्माराम भांभू का केवल राजस्थान से एक व्यक्ति का चयन हुआ है जिन्हें 20 जुलाई 2022 को सायं 6 बजे (जियो वर्ल्ड सेन्टर वीकेसी, मुम्बई) में यह सम्मान दिया जाएगा।

 भांभू ने बताया गोगेलाव कंजरर्वेशन रिजर्व फॉरेस्ट में बनेगी लवकुश वाटिका जिसको विकसित करने हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट आवंटन कर दिया है जिससे दो करोड़ रूपये खर्च होंगे। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है। पहली किस्त 88 लाख 83 हजार रूपये मंजूर कर दिया है।  आवंटित राशि का सम्पूर्ण उपयोग 30 सितम्बर 2022 तक सुनिश्चित किया जावे। माननीय मुख्यमंत्री राजस्थान द्वारा वर्ष 2022-23 की बजट घोषणा 266 सामान्य वाद विवाद घोषणा संख्या 40 की अनुपालना में जिले में वन क्षेत्रों तथा समीप के क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए बजट आवंटन किया है।

यह क्षेत्र वर्ष 2012 में तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री से क्षेत्रफल 358 हैक्टेयर घोषित करवाया था। इस क्षेत्र को बचाने के लिए भाम्भू द्वारा कई लड़ाईयाँ लड़ी। नेशनल हाईवे रोड़ निकालना शुरू किया तो जोधपुर हाई कोर्ट में रिट लगवाई तो रोड़ इन्दास की सीमा पर ले जाया गया। वर्ष 2015 में एक वन रेस्क्यू सेन्टर खुलवाया व वर्ष 2017 में वन पौधशाला खुलवाई जहाँ लाखों पौधे तैयार होते हैं व सरकारी विभागों व ग्रामीण किसानों को सरकारी रेट से वितरित किए जाते हैं। वहीं वर्ष 2017 में 75 लाख रूपये राज्य सरकार से भांभू ने मंजूर करवाकर बाउण्ड्री बनवाई व 17 जून 2022 दिल्ली में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव से 6 करोड़ का बजट माँगा गया है ताकि शीघ्र ही स्वीकृत होने की उम्मीद है। यह क्षेत्र आने वाले समय में शहर व पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केन्द्र बनेगा।  वन्य जीवों के लिए चारा उगाएंगे, तालाब व खेलियाँ, वॉच टॉवर, वन चौकी बनाएंगे, तीन लोगों का स्टाफ लगेगा व क्लोजर बनेंगे।  
आने वाले दिनों में एक हजार पीपल के पौधे लगाए जाएंगे।

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