जिला स्तरीय वन महोत्सव एवं पर्यावरण चेतना सम्मेलन का हुआ आयोजन
सिर सांटे रूंख रहे तो भी सस्तो जांण की भावना के साथ सभी ने लिया पर्यावरण संरक्षण का संकल्प
नागौर, 30 जुलाई। जिला प्रशासन, वन विभाग एवं पर्यावरण प्रेमी हिम्मताराम भांबू के संयुक्त तत्वावधान में जिला स्तरीय वन महोत्सव एवं पर्यावरण चेतना सम्मेलन का आयोजन शनिवार को गोगेलाव कंजर्वेशन रिजर्व फाॅरेस्ट में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी, विशिष्ट अतिथि राजस्व मंत्री रामलाल जाट, बंजर भूमि एंव चारागाह विकास बोर्ड अध्यक्ष संदीप सिंह चौधरी की मौजूदगी में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व आमजन द्वारा एक हजार पीपल के पौधे लगाकर पौधरोपण कार्यक्रम सम्पन्न किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण बेहद आवश्यक है लेकिन मानव के निजी स्वार्थो का खामियाजा प्रकृति को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने का काम जनता व सरकार दोनों का है। साथ ही वन मंत्री ने कहा कि नागौर वीरों और लोकदेवताओं की धरती है, ऐसे पुण्य कार्यो के लिए यहां आना सुखद है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद बच्चों से ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ बनने की अपील भी की।
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राज्य के राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि पेड़ो की महत्ता का वर्णन आदि-अनादि काल से हमारे पुराणों में किया जा रहा है। उन्होंने विभिन्न पुराणों की पंक्तियों को उद्धृत करते हुए वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि इंसान को हमेशा जीवन इस तरह जीना चाहिए, जिससे उसकी कीर्ति हजारों वर्षो तक अमर रहे। उन्होंने कहा कि राजस्थान की माटी की ये परंपरा रही है कि यहां पर “सिर सांटे रूंख रहे तो भी सस्तो जांण” की बात का पालन करने वाले लोग रहते आए हैं। हमें भी आगे प्रकृति के संरक्षण के लिए कृत संकल्पित रहना चाहिए।
इस दौरान राज्य के बंजर भूमि एंव चरागाह विकास बोर्ड अध्यक्ष संदीप सिंह चौधरी ने पौधरोपण का जिक्र करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को अपने जीवन काल में कुछ विशेष मौकों पर पौधरोपण करते रहना चाहिए, जो कि बेहद सुंदर कार्य है। इस अवसर पर उन्होंने जिले में किए जा रहे पर्यावरण संरक्षण के कार्याें की सराहना की।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूर्व केन्द्रीय मंत्री सी.आर. चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि सम्पूर्ण समाज का हम सब पर ऋण है इसलिए हम सबको एक ट्रस्टी की तरह कार्य करना चहिए और हमेशा लोक हित के कार्यो में लगा रहना चाहिए। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के कार्य को विशेष महत्व देने और आगामी पीढी के लिए स्वच्छ, स्वस्थ वातावरण तैयार करने की बात भी कही।
इस अवसर पर नागौर विधायक मोहनराम चौधरी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण जरुरी है। वर्तमान में किया गया पौधरोपण आने वाली पीढ़ियों को सुकुन देगा। एक पेड़ हमारे मानव जीवन को करोड़ों रूपये की प्राणवायु देकर हमें स्वस्थ रखने में योगदान देता है। वहीं जिला प्रमुख भागीरथराम चौधरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वन महोत्सव मनाने की संकल्पना तभी साकार होगी, जब पर्यावारण संरक्षण के प्रति हम जागरुक होंगे। साथ ही सभी को जागरुकता लाकर अपने आस पास के क्षेत्र में अधिक से अधिक पौधरोपण कर मानव जीवन को बचाना है।
इस अवसर पर नगरपरिषद सभापति मीतू बोथरा ने वन विभाग, जिला प्रशासन एवं पर्यावरण प्रेमी हिम्मताराम भांबू की सराहना करते हुए कार्यक्रम में मौजूद सभी बच्चों को भांबू से प्रेरणा लेने की बात कही।
कार्यक्रम में जिला कलक्टर पीयुष समारिया ने अपने संबोधन में पर्यावरण प्रेमी हिम्मताराम भांबू के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए किये जा रहे हर प्रयास में जिला प्रशासन पूरा सहयोग करेगा।
वन महोत्सव के कार्यक्रम को राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री से सम्मानित हिम्मताराम भांबू ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा सफल जीवन पीपल से पद्मश्री तक का है, लेकिन मैं अभी रूका नहीं हूं और आगे भी देशभर में अपनी यात्राओं के दौरान पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण की बात करता रहूंगा, जिससे कि हमे व हमारी पीढ़ियों को स्वच्छ व स्वस्थ वातावरण मिल सकें।
इससे पूर्व अतिथियों का माल्यापर्ण कर, साफा पहनाकर व ट्री पाॅट देकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम को रामचंद्र जारोड़ा, रिद्धकरण लोमरोड़, खींयाराम बागड़िया ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन मोहम्मद शरीफ छींपा ने किया। कार्यक्रम के अंत में उप वन संरक्षक ज्ञानचंद मकवाना ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।